बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का होगा शिलान्यास, पीएम मोदी कर सकते हैं शिरकत

बुंदेलखंड के सात जिलों की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तथा यूपी अन्य हिस्सों में आवागमन की सुविधा के लिए बन रहे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास आगामी...

Update: 2020-02-13 13:03 GMT

लखनऊ। बुंदेलखंड के सात जिलों की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तथा यूपी अन्य हिस्सों में आवागमन की सुविधा के लिए बन रहे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास आगामी 29 फरवरी को होगा। करीब 7700 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की संभावना है।

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बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की आधारशिला चित्रकूट में रखी जायेगी और चित्रकूट जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर पहले 14716 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित था, जो अब बढ़कर 14849 करोड़ हो गया है।

भविष्य में छह लेन तक विस्तार किया जा सकता है

यानी लागत में 132.83 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। इसका निर्माण ईपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन) पद्धति से होगा। चार लेन के इस एक्सप्रेस-वे का भविष्य में छह लेन तक विस्तार किया जा सकता है।

वर्ष 2021 में इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का आवागमन शुरू होने का अनुमान है। छह हिस्सों में बनाये जा रहे इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए चार कंपनियों का चयन किया गया है। जिसमे एप्को इंफ्राटेक तथा ग्वार कंस्ट्रक्शन एक्सप्रेस-वे के दो-दो हिस्सों का और अशोक बिल्डकान तथा दिलीप बिल्डकान एक-एक हिस्से का निर्माण करेंगी।

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बुंदेलखंड के पांच तथा प्रदेश के सात जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, उरई और इटावा से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे के किनारे डिफेंस कारीडोर भी विकसित किया जायेगा और यूपीडा ने इसके लिए जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया है।

अभी हाल ही में राजधानी लखनऊ में हुए डिफेंस एक्सपो में शामिल हुई कई कंपनियों ने डिफेंस कारीडोर में निवेश करने की इच्छा जताई है। केन, बगेन, श्यामा, चंदावल, बिरमा, यमुना, बेतवा और सेंगर कुल आठ नदियों पर से गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर 14 बड़े और 266 छोटे पुल बनाये जायेंगे।

एक्सप्रेस-वे करीब 296.07 किलोमीटर लंबा होगा

इसके साथ ही एक्सपे्रस-वे पर 18 फ्लाईओवर पुलों का निर्माण भी होगा। सात जिलों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर छह टोल प्लाजा बनाये जायेंगे। एक्सप्रेस-वे चित्रकूट के भरतकूप के पास से शुरू होगा और बांदा, हमीरपुर, जालौन, औरैया होते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-91 (इटावा-बेवर मार्ग) से लगभग 16 किलोमीटर पहले कुदरैल गांव के पास खत्म होगा। एक्सप्रेस-वे करीब 296.07 किलोमीटर लंबा होगा।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को प्रदेश सरकार ने वर्ष 2016 में मंजूरी देते हुए तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मार्च 2019 में इस पर काम शुरू करने के निर्देश दिए थे। 3643.6431 एकड़ क्षेत्रफल में बनने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से 182 गांव के 20 हजार 461 किसान प्रभावित होंगे।

बायपास से 8 किलोमीटर की दूरी पर होगा

एक्सप्रेस-वे की भूमि के लिए 10 हजार 344 बैनामे किए जायेंगे। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे भी जीएसटी से अछूता नहीं है, इसमें खर्च हो रहे पैसे में 12 फीसदी जीएसटी लगेगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग-27 पर पूंछ-एरच मार्ग से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर तथा पूंछ बायपास से 8 किलोमीटर की दूरी पर होगा।

इस तरह से डिफेंस कॉरीडोर की दूरी एक्सप्रेस-वे से 43 किलोमीटर रहेगी। इसके अलावा विश्व बैंक वित्त पोषित परियोजना झांसी, चिरगांव, गरौठा, राठ, हमीरपुर (एनएच-42) को भी बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से जोड़े जाने की योजना है।

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ऐसा माना जा रहा है कि इसके बनने के बाद क्षेत्र के विकास की संभावनाओं के द्वार खुलेंगे और चित्रकूट से दिल्ली की दूरी मात्र छह घंटे में तक की जा सकेगी।

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