चैन स्नेचिंग का पर्दाफ़ाश: 80 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाला, तब हुआ खुलासा
चैन स्नैचिंग में शामिल अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए नाक का सवाल बन चुका था। तो वहीं चैन स्नैचिंग के इस मामले को सुलझाने में कोतवाली थाने के कबीरचौरा चौकी प्रभारी प्रीतम तिवारी ने 80 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाल डाले।
वाराणसी: शहर में चैन स्नेचिंग कोई नई बात नहीं है। थानों में इससे संबंधित पेंडिंग केसों की भी कोई कमी नहीं है। लेकिन इस बार दशहरे के दिन कोतवाली थाने से चंद कदम दूरी पर मैदागिन पेट्रोल पंप के पास से महिला के गले से चैन उड़ाने वाले अपराधियों को शायद वारदात के वक्त इस बात का इल्म नहीं रहा होगा कि इस बार उनका जुर्म उन्हें सीधे सलाखों के पीछे पहुंचा देगा।
दशहरे के दिन वारदात को दिया अंजाम
चैन स्नेचरों ने दशहरा के दिन मैदागिन पेट्रोल पंप के पास से आधी रात को मेले से लौट रही ईश्वरगंगी निवासी रंजना सेठ पत्नी चमनलाल सेठ के गले से चैन उड़ाकर ऑटो से फरार हो गए। वाराणसी में आये दिन चैन स्नैचिंग में शामिल अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए नाक का सवाल बन चुका था। तो वहीं चैन स्नैचिंग के इस मामले को सुलझाने में कोतवाली थाने के कबीरचौरा चौकी प्रभारी प्रीतम तिवारी ने 80 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाल डाले।
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यूं धरे गए अपराधी
पुलिस को पहली सफलता तब लगी जब सीसीटीवी फुटेज में पीले रंग की ऑटो पर सवार अपराधी पुलिस को नजर आ गए। छिनैती करने के बाद यह अपराधी किस दिशा की तरफ भागे यानी उनका रूट मैप क्या था यह पता लगाने के लिए कबीरचौरा चौकी प्रभारी प्रीतम तिवारी, कांस्टेबल दिनेश कुमार यादव व संजय वर्मा ने करीब 80 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाल डाले।
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कोतवाली पुलिस ने चैन स्नैचिंग में शामिल शातिर बदमाश भदऊचुंगी के राहुल डोम, पवन डोम व सूजाबाद के धीरज विश्वकर्मा को सोमवार को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पीली धातु की चेन बरामद हुई है। इस चैन स्नेचरों के चेहरों से उम्र कम होने के कारण मासूमियत झलक रही थी। परन्तु इनके कारनामें उतने ही खतरनाक थे जिसने प्रशासन के नाक में दम कर रखा था।
फुटपाथ पर रहने वाले मलिन बस्तियों के युवा दे रहे हैं वारदात को अंजाम
आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ सालों में वाराणसी में जुर्म का ग्राफ तेज़ी से बढ़ा है। अन्य अपराधों के साथ चेन स्नैचिंग और छिनैती जैसी घटनामे भी इजाफा हुआ है। कोतवाली थाना प्रभारी प्रमोद पाण्डेय ने बताया कि फुटपाथ पर रहने वाले मलिन बस्तियों के युवाओं के लिए चैन स्नैचिंग रोजगार बन चुका है। यानी, यह लोग अपनी जरूरत के लिए चेन स्नैचिंग करते हैं क्योंकि यह पैसे कमाने का एक आसान तरीका है। आपको यह जान कर भी बहुत हैरानी होगी कि यह चेन स्नैचिंग जैसे अपराध 15 से 18 साल के युवा अधिक करते हैं। घर का स्थायी पता पहचान न होने के कारण ये आसानी से वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो जाते हैं।
कैसे करते हैं चेन स्नैचर अपना काम
पुलिस की गिरफ्त में आये बदमाशों ने बताया कि कैसे वे घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। बदमाशों ने बताया कि रात में चार से पांच की संख्या में वे ऑटो से पूरे शहर में घूमकर वहीं चेन स्नैचिंग की घटना को अंजाम देते है जहां अधिक भीड़ नहीं होती या जो इलाका सुनसान होता है। चैन स्नेचरों को वारदात के जगह से बाहर निकलने के सभी चोर रास्ते पता होते हैं।
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स्नेचरों ने पुलिस को बताया कि वो पूरी प्लानिंग कर के अपने शिकार की तलाश करते हैं। एक व्यक्ति लोगों पर नजर रखता है और आसान टारगेट चुनता है। ऑटो चलाने वाला व्यक्ति महिला को अपनी बातों में लगाता है और दूसरा व्यक्ति मौका देख कर चेन या अन्य कीमती चीज छीन लेता है। उसके बाद पलक झपकते हुए आसान रास्ते से भाग जाते हैं यह सब इतनी जल्दी होता है कि शिकार संभल नहीं पाता और जब तक वो संभलता है तब तक देर हो चुकी होती है।
महिलाएं बनती हैं चेन स्नैचिंग का अधिक शिकार
चेन स्नैचिंग के मामलों में शिकार अधिकतर महिलाएं होती हैं। क्योंकि, ज्यादातर महिलाओं ने चेन, मंगलसूत्र जैसे गहने पहन रखें होते हैं। अगर महिलाओं के साथ बच्चे भी हों तो ऐसे में चेन स्नैचिंग और भी आसान हो जाती है। अगर बच्चा भी साथ होगा तो स्नैचर पूरी तरह से निश्चिंत हो जाते हैं कि महिला का पूरा ध्यान बच्चे पर होगा जिससे वो आसानी से इस अपराध को अंजाम दे सकते हैं।
रिपोर्ट: आशुतोष सिंह