PMG के कागजी खेल से बटोरते है लोक प्रियता, तो निजी गृह मंडल में तैनाती पर सवाल ?
यहाँ बतादे कि पोस्टल विभाग के ग्रामीण इलाकों के पोस्ट आफिसों में नेटवर्क की समस्या के चलते लगभग प्रतिदिन घन्टो साइबर फेल रहता है जिसके कारण पोस्ट आफिसों के कार्य हमेशा बाधित रहते हैं।
जौनपुर: वाराणसी मंडल में तैनात पोस्ट मास्टर जनरल (पीएमजी) द्वारा जहां फर्जी कागजी बाजीगरी का खेल करके सस्ती लोकप्रियता हांसिल करने का कुत्सित कार्य किया जाता है वहीं अब डाक विभाग में पीएमजी के गृह जनपद वाले मंडल में हुईं तैनाती भी सवालों के घेरे में आ रही है। इसके अलावां अन्य कई प्रकरण है जो पीएमजी की कार्यशैली पर सवाल करता है।
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंदर हो रहा ये
यहाँ बतादे कि पोस्टल विभाग के ग्रामीण इलाकों के पोस्ट आफिसों में नेटवर्क की समस्या के चलते लगभग प्रतिदिन घन्टो साइबर फेल रहता है जिसके कारण पोस्ट आफिसों के कार्य हमेशा बाधित रहते हैं। इसके बाद भी पीएमजी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत डाक विभाग में 37 हजार बेटियों के सुकन्या समृद्धि खाता मंडल के महज 20 गाँवो से नवरात्रि में खोलवाने का दावा करते हुए खबर जारी कर दिया है अपने उच्चाधिकारियों को भेज कर लोकप्रियता हासिल किया है। और दावा किया कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति का स्थान अहम है।
सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का ही एक माध्यम नहीं है
सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का ही एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुड़ा हुआ है। पीएमजी ने जौनपुर के बारे में खबर जारी किया कि तहसील मड़ियाहूं के उप मंडलीय निरीक्षक एपी गोस्वामी के नेतृत्व में घर घर जाकर सुकन्या समृद्धि खाता खोलवाया गया है। यहाँ पर सवाल यह खड़ा होता है कि जब साइबर चल ही नहीं रहा है तो उपरोक्त लक्ष्य कैसे प्राप्त किया गया है। खबर तो यह है कि बगैर खाता खुले ही बालिकाओं को पासबुक देकर फोटो ग्राफी करा लिया गया और उसे अपनी उपलब्धियों के साथ वायरल कर दिया गया है।
पोस्टल विभाग के सूत्र बताते हैं
पोस्टल विभाग के सूत्र बताते हैं कि शासनदेश है कि विभाग में क्लास वन के अधिकारी अपने गृह जनपद वाले मंडल अथवा जिले में नियुक्त नहीं हो सकते है। लेकिन पीएमजी के के यादव कैसे नियुक्त है यह एक यक्ष प्रश्न है। यादव जनपद जौनपुर के तहसील मड़ियाहू स्थित अरूआवां गांव के मूल निवासी हैं और जौनपुर वाराणसी मंडल में आता है । खबर तो यह भी है कि पीएमजी अपने गांव आते हैं तो इनके अधीनस्थ अधिकारी पोस्टल कार्यों से विरत रह कर इनकी सेवा में तब तक रहते हैं जब साहब जनपद में विराजमान रहते हैं।
जिसके पास अधीक्षक का भार है वह भी वाराणसी ही रहता है
सूत्र की माने तो जौनपुर हेड पोस्ट आफिस में इनका एक खास व्यक्ति बाबू है जो आधार कार्ड बनाने के लिए उपभोक्ताओं से धनोपार्जन करता है और उस धनराशि से पीएमजी का हिस्सा पहुंचाता है। जनपद में डाक अधीक्षक न होने के कारण अपरोक्ष रूप से पीएमजी साहब ही अधीक्षक का काम देखते है ।हलांकि की जिसके पास अधीक्षक का भार है वह भी वाराणसी ही रहता है और पीएमजी के अधीन है इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि पीएमजी का खेल किस स्तर पर चल रहा है।
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इस तरह कागजी बाजीगरी का खेल करने वाले पीएमजी के तमाम ऐसे खेल है जो जांच के दायरे में है। क्या विभाग के उच्च अधिकारी पूरे मामले की जांच करायेंगे अथवा कागजी बाजीगरी का खेल करने की छूट पीएमजी को प्रदान करेंगे।
कपिल देव मौर्य
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