Gulshan Yadav: कौन है माफिया गुलशन यादव, जिन्हें उनके आवास से उठा ले गई पुलिस
Gulshan Yadav: प्रदेश के माफियाओं में शुमार गुलशन को प्रतापगढ़ पुलिस सोमवार शाम को प्रयागराज के उनके आवास से उठा ले गई। खबरों के मुताबिक, कल रात को ही पुलिस ने उन्हें कुंडा ले आई थी।
Pratapgarh News: साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कुंडा सीट से चर्चित बाहुबली राजनेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को चुनौती देने वाले गुलशन यादव खबरों में है। दरअसल, प्रदेश के माफियाओं में शुमार गुलशन को प्रतापगढ़ पुलिस सोमवार शाम को प्रयागराज के उनके आवास से उठा ले गई। खबरों के मुताबिक, कल रात को ही पुलिस ने उन्हें कुंडा ले आई थी और आज आधा दर्जन गाड़ियों के काफिले के साथ उसे लेकर अदालत पहुंची और रिमांड के लिए पेश किया।
रहा है लंब अपराधिक इतिहास
गुलशन यादव के खिलाफ अचानक हुई इस पुलिसिया एक्शन की खूब चर्चा हो रही है। यादव निकाय चुनाव के दौरान अपने ऊपर दर्ज हुए दो मुकदमों में वांछित चल रहे थे। गुलशन यादव का लंबा-चौड़ा आपराधिक बैकग्राउंड रहा है। उनके भाई छविनाथ यादव भी आपराधिक मामले को लेकर कौशांबी जेल में बंद हैं। वे सपा के प्रतापगढ़ जिलाध्यक्ष हुआ करते थे। उनके जेल जाने के बाद गुलशन यादव को जिले का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था।
किस मामले में हुए गिरफ्तार
खबरों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के प्रतापगढ़ जिला कार्यवाहक अध्यक्ष गुलशन यादव पर निकाय चुनाव के दौरान दो मुकदमे दर्ज हुए थे। उनके ऊपर 392 और 395 जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई थीं। हिस्ट्रीशीटर गुलशन यादव पर पहले से ही 33 मामले दर्ज हैं, जिनमें कई गंभीर अपराध हैं।
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कौन हैं गुलशन यादव ?
गुलशन यादव का जन्म प्रतापगढ़ जिले के कुंडा के मऊदारा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम सुंदर लाल यादव हैं। गुलशन के तीन भाई हैं। उनका छोटा भाई जो कि फिलहाल जेल में है छविनाथ यादव प्रतापगढ़ का सपा जिलाध्यक्ष रह चुका है। गुलशन ने अपनी राजनीति की शुरूआत राजा भैया के सानिध्य में रहकर की थी। अपराध की दुनिया में भी उसने दस्तक यहीं से दी। मायावती के शासनकाल में जब राजा भैया पर पोटा लगा था, तब इसके गवाह राजेंद्र यादव की हत्या कर दी गई थी। इस मामले को लेकर पहली बार वे सुर्खियों में आए थे और उन्हें जेल तक जाना पड़ा था।
राजा भैया से ऐसे पनपी दुश्मनी
बताया जाता है कि एक जमाने में गुलशन यादव कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह के बेहद खास हुआ करते थे। लेकिन अखिलेश यादव के साथ जब राजा भैया के रिश्ते तल्ख होने लगे और उनका झुकाव बीजेपी की ओर होने लगा, तब गुलशन यादव ने भी अपनी निष्ठा बदलने का फैसला किया। विधानसभा चुनाव से पहले वे सपा में शामिल हो गए। जो सपा पिछले ढ़ाई दशक से कुंडा से अपना उम्मीदवार नहीं उतारती थी, उसने गुलशन यादव के रूप में राजा भैया के सामने अपना कैंडिडेट खड़ा किया।
चुनाव के दौरान गुलशन यादव ने राजा भैया पर परेशान करने और धमकी देने के आरोप लगाए थे। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने चुनाव में डेढ़ लाख मतों से चुनाव जीतने का दावा किया था और कहा था कि विरोधी प्रत्याशी का जमानत जब्त हो जाएगा। लेकिन नतीजे इसके विपरीत थे। राजा भैया जीते जरूर लेकिन अंतर काफी कम रहा। वे 30 वोटों से ही चुनाव जीत पाए। वहीं, गुलशन यादव भी अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे थे। इसके बाद पंचायत चुनाव के दौरान भी दोनों के बीच अदालत नजर आई थी। बात करें गुलशन यादव पर दर्ज आपराधिक मामलों की तो उस पर कुंडा और मानिकपुर के थानों में हत्या के प्रयास, लूट, डकैती और गुंडा एक्ट समेत 33 आपराधिक मामले दर्ज हैं।