Atiq Ahmed Dogs: माफिया अतीक के कुत्तों को मिली नई पहचान, नगर निगम ने किया अलाट

Atiq Ahmed Dogs: कुख्यात माफिया अतीक अहमद ने चकिया स्थित अपने आवास पर पांच विदेशी नस्ल के कुत्तों को पाल रखा था। हालांकि, इनमें से किसी का पंजीकरण नगर निगम में नहीं कराया गया था।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-09-10 07:41 GMT

सांकेतिक तस्वीर ( सोशल मीडिया)

Atiq Ahmed Dogs: अपराध और राजनीति का बेजोड़ कॉकटेल माने जाने वाला कुख्यात माफिया अतीक अहमद के कई किस्से मशहूर रहे हैं। प्रयागराज से जरायम की दुनिया पर राज करने वाला यह बाहुबली कुत्तों के प्रति शौक रखने के लिए भी जाना जाता था। चकिया स्थित इसके आवास पर एक से बढ़कर खूंखार विदेशी नस्ल के कुत्ते हुआ करते थे। दिवंगत पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की एक तस्वीर आज भी काफी वायरल है, जो अतीक के आवास पर खींची गई थी। तस्वीर में वो अतीक के एक पालतू कुत्ते से हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं।

उमेश पाल हत्याकांड के बाद कुख्यात माफिया और बाहुबली नेता अतीक अहमद का पूरा परिवार उजड़ गया। परिवार के कुछ सदस्य मारे गए तो कुछ फरारी काट रहे हैं, वहीं कुछ जेल में बंद हैं। ऐसे में चकिया स्थित उसके घर पर रह रहे पालतू कुत्ते अचानक अनाथ हो गए। उन्हें खाना-पानी तक देने वाला कोई नहीं था। ऐसे में तौकीर अली और अमन अंसारी नामक दो शख्स आगे आए और उन्होंने अतीक के पालतू कुत्तों को गोद लिया।

नगर निगम ने अलाट किया बिल्ला

माफिया अतीक अहमद के घर से रेस्क्यू किए गए तीनों कुत्ते को प्रयागराज नगर निगम ने नई पहचान दी है। नगर निगम ने उन्हें बिल्ला नंबर 452,453 और 460 दिया है। निगम ने तीनों का पंजीयन शुल्क तीन हजार रूपये लिया गया है। असरावल कला के तौकीर अली ने दो कुत्तों को गोद लिया है। वहीं, दरियाबाद के मो. अमन अंसारी ने एक कुत्ते की जिम्मेदारी ली है। प्रयागराज नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉक्टर विजय अमृत राज ने अतीक के तीनों विदेशी नस्ल के कुत्तों के रजिस्ट्रेशन की पुष्टि की है।

दो कुत्तों की हो गई थी मौत

कुख्यात माफिया अतीक अहमद ने चकिया स्थित अपने आवास पर पांच विदेशी नस्ल के कुत्तों को पाल रखा था। हालांकि, इनमें से किसी का पंजीकरण नगर निगम में नहीं कराया गया था। पाल हत्याकांड के बाद परिवार के सभी लोगों को घर से भागना पड़ा। ऐसे में ये बेजुबान अकेले पीछे छूट गए। पुलिसिया सख्ती को देखते हुए अतीक के पड़ोसियों को इनकी मदद करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। कई दिनों तक भूखे प्यासे रहने के कारण इनकी हालत खास्ता हो गई।

कई दिनों तक भोजन-पानी के लिए तरसते रहने के बाद इनमें से दो कुत्तों ब्रूनो व ब्राउनी टाइगर की मौत हो गई। नगर निगम को जब इनके खराब हालत के बारे में पता चला तो वे आए और बाकी बचे तीनों कुत्तों डैनी, सैडो और कुल्लू को अपने साथ ले गए और कुछ दिनों तक देख-भाल की। इसके बाद कैनल क्लब ने कुत्तों को पालने का जिम्मा ले लिया। बताया जाता है कि क्लब ने जल्द ही हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद निगम ने तीनों कुत्तों को दो अलग-अलग व्यक्तियों को दे दिया। दरियाबाद के मो. अमन अंसारी ने सैडो (मादा) को गोद लिया, उसे 460 नंबर बिल्ला अलाट हुआ है। वहीं, अन्य दो कुत्तों डैनी को 452 और कल्लू को 453 का बिल्ला अलाट किया गया है। इन दोनों को असरावल कला के तौकीर अली ने गोद लिया है। 

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