प्रिया शुक्ला ने बनाया सफलता का रिकॉर्ड, 'निराली स्वरोजगार समूह' से दे रहीं रोजगार

शहर के मोहल्ला राजगढ़ निवासी प्रिया शुक्ला नेवर्ष 2018 में "निराली स्वरोजगार समूह" के नाम से स्वरोजगार का समूह बनाया और सिर्फ बीस हजार रुपये से स्कूल ड्रेस की सिलाई का काम शुरू किया।

Update: 2021-03-08 08:03 GMT
प्रिया शुक्ला ने बनाया सफलता का रिकॉर्ड, 'निराली स्वरोजगार समूह' से दे रहीं रोजगार

शरद अवस्थी

(Sharad Awasthi)

लखीमपुर खीरी: प्रतिभा किसी की मोहताज़ नही होती है, यह कर दिखाया है शहर की एक महिला ने जिसने न केवल खुद का रोजगार शुरू किया है, बल्कि साथ ही करीब दो दर्जन महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने में सहयोग दिया है। शहर के मोहल्ला राजगढ़ निवासी प्रिया शुक्ला ने एमए तक की पढ़ाई समाज शास्त्र से करने के बाद कुछ नया करने की ठानी इसमें इनके पति जितेंद्र अवस्थी और उनके परिवार ने घर की बहू के सपने को सकार करने मे पूरी मदद की।

सिर्फ बीस हजार रुपये से स्कूल ड्रेस की सिलाई का काम शुरू किया

शहर के मोहल्ला राजगढ़ निवासी प्रिया शुक्ला नेवर्ष 2018 में "निराली स्वरोजगार समूह" के नाम से स्वरोजगार का समूह बनाया और सिर्फ बीस हजार रुपये से स्कूल ड्रेस की सिलाई का काम शुरू किया। इस काम में इनकी सहेली प्रभा तिवारी विजय लक्ष्मी, अल्का शुक्ला, लक्ष्मी मौर्य ने सहयोग किया। प्रिया शुक्ला बताती हैं कि ड्रेस सिलाई के दौरान स्कूलों से भुगतान न मिलने पर उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, पर प्रिया ने तो मानों तो संकटों से लड़ना सीख लिया हो।

देश में कोविड संकट के दौरान 25 हजार मास्क बनाए

इसी दौरान इनकी मुलाकात जिला नगरीय विकास प्रधिकरण की सिटी मैनेजर गरिमा सिंह से हुई और गरिमा सिंह ने इनके समूह को इलाहाबाद बैंक से तीन लाख बीस हजार रूपये का ऋण दिलवाया। देश में कोविड संकट के दौरान इनकी संस्था ने डीसी मनरेगा को 25 हजार मास्क बना कर दिया। श्रीमती शुक्ला का कारवां यहीं पर नहीं थमा, लाकॅडाउन के दौरान इनके द्वारा मोहल्ले की करीब आधा सैकड़ा महिलाओं को भी रोजगार मुहैया कराया गया।

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स्कूल ड्रेस सप्लाई का काम उनके पति जितेंद्र अवस्थी करते हैं

इतना ही नहीं इनके द्वारा टाई, बेल्ट, पैंट, शर्ट आदि चीजों की सिलाई का भी गुरूमंत्र महिलाओं को दिया गया। प्रिया बताती हैं कि आज की महिलाएं कुछ करना चाहें तो वह कर सकती हैं। महिलाएं अब अबला नही रहीं हैं। अब महिलाएं सबला है। स्वंय का रोजगार कर अपने परिवार का भरण षण कर सकती हैं। इनके इस मिशन में इनके पति और इनकी सास भी पूरा सहयोग करती हैं।

उन्होंने बताया कि पहले रेडीममेड स्कूल ड्रेस सप्लाई का काम उनके पति जितेंद्र अवस्थी द्वारा किया जाता था। लेकिन शादी के बाद हम दोनों लोगों ने यह तय किया कि बाहर से सामान लाकर उसकी सिलाई अगर समूह की महिलाएं करेंगी तो महिलाओं के साथ ही हम लोगों की भी आय बढ़ जाएगी। 20 हजार रुपये से शुरू किया गया बिजनेस अल्प समय में ही पांच लाख रुपये के करीब पहुंच चुका है।

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होली पर विशेष योजना

होली पर जिले वासियों को निराली स्वरोजगार समूह द्वारा हैप्पी होली की टी शर्ट मात्र 95 रूपये में उपल्बध कराई जा रही है। इसके लिए इन्होंने होम डिलेवरी का प्लान भी तैयार कर रखा है। फोन काल आने पर इनके पति द्वारा होम डिलेवरी की जाएगी।

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