मुख्य विपक्षी दल सपा से बेहतर भूमिका में प्रियंका गांधी
यूपी में भले ही समाजवादी पार्टी मुख्य विपक्षी दल हो पर इस प्रदेश में जब भी कोई घटना होती है उसे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ही उठा रही है। खास बात यह है कि योगी सरकार इस पर कार्रवाई भी कर रही है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: यूपी में भले ही समाजवादी पार्टी मुख्य विपक्षी दल हो पर इस प्रदेश में जब भी कोई घटना होती है उसे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ही उठा रही है। खास बात यह है कि योगी सरकार इस पर कार्रवाई भी कर रही है।
ताजा मामला मैनपुरी का है जहां दो महीने पहले नवोदय विद्यालय में कक्षा 11 की छात्रा की दो महीने पहले 16 सितम्बर को संदिग्ध अवस्था में हास्टल में मौत हो गयी थी। इसे लेकर विपक्ष ने खूब हो हल्ला किया। समाजवादी पार्टी ने भी अपनी खूब नाराजगी व्यक्त की। स्थानीय स्तर धरना प्रदर्शन भी हुए। यहां तक कि यूपी में छोटे दल की पहचान रखने वाली पार्टी कांग्रेस के जितिन प्रसाद ने ब्राम्हण चेतना यात्रा भी निकाली। लेकिन शनिवार को जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा तो पहले पहले एसपी अजय शंकर राय को हटाया गया और इसके बाद आज डीएम प्रमोद कुमार उपाध्याय को भी हटा दिया गया।
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सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में हुए गोलीकांड के बाद
इसके पहले सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में हुए गोलीकांड के बाद सबसे पहले घटनास्थल की ओर कूच करने वालीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एक बार फिर सोनभद्र पहुंचीं हैं। यहां प्रियंका ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की, पिछली बार की कोशिश में प्रियंका को सोनभद्र नहीं जाने दिया गया था, तब उन्होंने पीड़ित परिवार की जमीन वापस दिलाने की दिशा में किए गए प्रयास किए। जिसके बाद योगी सरकार ने दोषी अधिकारियों को हटाकर उचित कार्रवाई की।
विवादास्पद कंपनी दीवान हाउसिंग फायनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के साथ उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड के कथित सौदे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार को निशाने पर लिया था। उन्होंने एक ट्विटर पर कहा कि यूपी भाजपा सरकार ने राज्य के पॉवर कॉरपोरेशन के कर्मियों की भविष्य निधि का पैसा डीएचएफएल जैसी डिफॉल्टर कंपनी में फंसा दिया।
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उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, किसका हित साधने के लिए कर्मियों की 2000 करोड़ से भी ऊपर की गाढ़ी कमाई इस तरह की कंपनी में लगा दी गई? कर्मचारियों के भविष्य के साथ ये खिलवाड़ जायज है? इसके बाद योगी सरकार हरकत में आई और आनन फानन तेजी दिखाते हुए कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। योगी सरकार ने मामले की विजलेंस जांच कराकर दागियों को जेल भेजने के साथ ही सीबीआई जांच के आदेश दिए.। इस मामले में दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन निदेशक (वित्त) और ट्रस्टी सुंधाशु द्विवेदी और जीएम प्रवीण कुमार गुप्ता हैं.। इसके अलावा पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एपी मिश्रा भी जेल भेजे गए।