जिस स्कूटी पर बैठी थीं प्रियंका, पुलिस ने काटा 6300 रुपये का चालान, जानें पूरा मामला
महिला सीओ डॉ. अर्चना सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक प्रोटोकाल को भेजे पत्र में बताया कि मेरी ड्यूटी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कार्यक्रम में फ्लीट प्रभारी के रूप में थी। कांग्रेस महासचिव पार्टी कार्यालय माल एवेन्यू से गोखले मार्ग स्थित कौल हाउस के लिए निकलीं।
लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार की शाम को गिरफ्तार पूर्व आईपीएस दारापुरी के घर जा रही थीं। रास्ते में पुलिस ने उन्हें धारा 144 लगे होने के कारण जाने से रोका।
जिसके बाद प्रियंका गांधी एक कार्यकर्ता के साथ स्कूटी पर सवार हो गईं। हालांकि पुलिस ने स्कूटी को भी बाद में रोक दिया। जिसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा पैदल ही निकल पड़ीं।
जिस स्कूटी पर प्रियंका गांधी वाड्रा बैठीं थीं, नियमों के उल्लंघन के लिए उस स्कूटी के चालक का लखनऊ ट्रैफिक पुलिस ने 6300 रूपये का चालान काट दिया गया है।
स्कूटी के चालान की बात सामने आने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने इसे तानाशाही बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को चालान काटने से पहले ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि प्रियंका जी कार से जा रही थीं। लेकिन पुलिस ने उनकी गाड़ी को रोका, जिसके कारण से उन्हें स्कूटी पर बैठना पड़ा।
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गला दबाकर मुझे रोका: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लखनऊ में पूर्व आईएएस अधिकारी एसआर दारापुरी के परिवारों से मिलने उनके घर जा रही थी। लेकिन प्रियंका गांधी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया।
उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें गला दबाकर रोकने की कोशिश की गई। आरोप है कि महिला पुलिस अधिकारी ने उन्हें रोका था. उन्हें पुलिस ने गला दबाकर मुझे रोका, ना केवल रोका गया, बल्कि मेरा गला दबाया गया. मुझे पकड़कर धकेला दिया जिसकी वजह से मैं गिर गई।
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सीओ ने कहा- गला दबाने वाली बात गलत
महिला सीओ डॉ. अर्चना सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक प्रोटोकाल को भेजे पत्र में बताया कि मेरी ड्यूटी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कार्यक्रम में फ्लीट प्रभारी के रूप में थी। कांग्रेस महासचिव पार्टी कार्यालय माल एवेन्यू से गोखले मार्ग स्थित कौल हाउस के लिए निकलीं।
1090 चौराहे से तय मार्ग पर फ्लीट पर कई गाड़ियां जा रही थी, लेकिन प्रियंका गांधी की गाड़ी निर्धारित मार्ग पर न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी। तब मैंने सुरक्षा के लिहाज से जानकारी चाही, मुझे नहीं पता था कि वे कहां जाना चाहती हैं, जिस पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जानकारी देने से इंकार कर दिया गया।
इसके बाद प्रियंका गांधी गाड़ी से उतरकर पैदल कार्यकर्ताओं के साथ चलने लगीं। उन्होंने कहा- सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक बातें जैसे गला पकड़ना/गिराना आदि प्रसारित किया गया, जो असत्य है। मेरे द्वारा कर्तव्य निष्ठा से अपनी ड्यूटी का निवर्हन किया गया। घटना के दौरान मेरे साथ भी धक्का-मुक्की हुई।
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