Padma Awards 2023: गोरखपुर के प्रो.विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को मिला पद्मश्री सम्मान
Gorakhpur News: गोरखपुर के हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को भारत सरकार ने देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया है।
Padma Awards 2023: गोरखपुर के हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को भारत सरकार ने देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया है। साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ.तिवारी को यह पुरस्कार उन्हें लंबे समय तक किये गए साहित्य सेवा के लिए दिया गया है। सम्मान की घोषणा के साथ ही गोरखपुर के बेतियाहाता स्थित उनके आवास पर शुभचिंतकों की भीड़ लग गई।
प्रो. तिवारी गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आचार्य और वर्ष 2013 से 2017 तक साहित्य अकादमी, दिल्ली के अध्यक्ष रहे हैं। उन्हें प्रतिष्ठित मूर्तिदेवी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। यह सम्मान उन्हें 'अस्ति व भवति' रचना के लिए दिया गया था। यह उनके 50 से अधिक वर्षों के सार्वजनिक जीवन का आईना है। इसके पूर्व डॉ. तिवारी को साहित्य अकादमी का महत्तर सम्मान, सरस्वती सम्मान, व्यास सम्मान, रूस का पुश्किन सम्मान, शिक्षक श्री सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, हिन्दी गौरव सम्मान, महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन सम्मान, महादेवी वर्मा गोयनका सम्मान, भारतीय भाषा परिषद का कृति सम्मान आदि प्राप्त हो चुके हैं।
डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी का जन्म देवरिया में हुआ था
डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी का जन्म 20 जून, 1940 को भेड़िहारी, देवरिया, उत्तर प्रदेश में हुआ। वे गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष-पद से वर्ष 2001 में सेवानिवृत्त हुए। वे गोरखपुर से प्रकाशित होनेवाली साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका 'दस्तावेज़' के सम्पादक हैं। यह पत्रिका रचना और आलोचना की विशिष्ट पत्रिका है जो 1978 से नियमित रूप से प्रकाशित हो रही है।
डॉ. तिवारी 'साहित्य अकादेमी' के 2013 से 2017 तक की अवधि के लिए अध्यक्ष रहे। उन्होंने गाँव की धूल-भरी पगडंडी से इंग्लैंड, मारीशस, रूस, नेपाल, अमरीका, नीदरलैंड, जर्मनी, फ़्रांस, लक्जमबर्ग, बेल्जियम, चीन और थाईलैंड की ज़मीन नापी है।