महाराजगंज-कुशीनगर में अलर्ट: नेपाल छोड़ेगा 5 लाख क्यूसेक पानी, बाढ़ का खतरा

कुशीनगर और महाराजगंज में अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने के लिए कहा जा रहा है...

Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-08-30 10:59 IST

महाराजगंज-कुशीनगर में अलर्ट 

Gorakhpur। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और महाराजगंज जिले में तबाही मचा चुके बाढ़ का खतरा नेपाल की नदियों ने और बढ़ा दिया है। नेपाल से निकलने वाली नारायणी गंडक नदी की धार पर नियंत्रण के लिए बनाये गए वाल्मीकि बराज से रविवार की देर रात करीब 5 लाख क्यूसेक पानी गुजरने की संभावना है। इसे लेकर बिहार के अलावा कुशीनगर और महाराजगंज के जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। महराजगंज में एसडीएम लाउडस्पीकर से गांव वालों को अलर्ट कर रहे हैं।

लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने को कहा जा रहा है

महाराजगंज जिले के सोहगीबरवा सहित नदी के किनारे के दर्जन भर गांवों में देर रात लाउडस्पीकर से सूचना प्रसारित कर कर लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने की अपील की जा रही है। एसडीएम निचलौल प्रमोद कुमार ने बताया कि वाल्मीकि बराज से गंडक नदी में रविवार की देर रात करीब 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना मिली है। इसे लेकर इलाके के पथलहवा व टेलफाल पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया गया है। साथ ही नदी किनारे गांवों में पहुंच कर लाउडस्पीकर से लोगों को अपने जरूरत के सामान के साथ ऊंचे स्थान पर जाने की सूचना प्रसारित की जा रही है। ताकि कोई अप्रिय स्थिति न पैदा होने पाए।

महाराजगंज और कुशीनगर में अलर्ट

अलर्ट पर है NDRF टीम

सोहगीबरवा में बाढ़ के खतरे को देखते हुए यहां एसडीआरएफ व गांव बाढ़ समिति को भी सक्रिय कर दिया गया है। दरअसल, नेपाल के नारायण घाट से करीब 5.5 लाख क्यूसेक पानी नारायणी नदी में रिकार्ड किये जाने के बाद नेपाल के जल शक्ति विभाग ने बिहार के वाल्मीकिनगर बराज को अलर्ट जारी किया था। जिसके बाद जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। वहीं, 12 अगस्त 2017 में भी नारायण घाट से करीब 6 लाख क्यूसेक पानी नारायणी में डिस्चार्ज हुआ था। लेकिन 13 अगस्त 2017 को वाल्मिकीनगर बराज से 4.88 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था। इससे कुशीनगर और महाराजगंज जिले में भारी तबाही मची थी। फिलहाल बाढ को लेकर प्रशासनिक अमला पूरी अलर्ट है।

बाढ़ पीड़ित छतों पर रहकर गुजार रहे दिन

नौतनवा तहसील के लक्ष्मीपुर एवं नौतनवा ब्लाक के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ जाने की वजह से हजारों लोग घर की छतों या ऊंचे स्थानों पर रहने को मजबूर हैं। क्षेत्र के नेताभी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जाकर लोगों का हाल जानने में जुटे हैं। विकास खण्ड नौतनवां के विभिन्न गांवों में नेपाल के नदियों के जलस्तर बढ जाने के पश्चात भारतीय सीमाओं में बाढ का पानी गांवों मे घुसकर तांडव कर रहा है। खेत में हर तरफ जल ही जल दिखाई दे रहा है। नौतनवा विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र ग्रामसभा सेखुआनी, शिवपुरी, सेवतरी, मुजहना, पड़ौली, बभनी, परसामलिक, मरजादपुर, दोगहरा, बरगदवां, राजाबारी, डगरूपुर, सिहाभार, झिगिनिहवा, रामगढवां, खैरहवां जंगल, सहित पिपरा गांव में भी बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया।

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