Gorakhpur News: डेंगू के डंक से बेहाल सीएम सिटी, नगर निगम ने डाल दिया 'हथियार'

Gorakhpur News : गोरखपुर में डेंगू और मलेरिया के मामलों में रोज बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन नगर निगम गोरखपुर पूरी तरह बेपरवाह है।

Published By :  Shraddha
Update: 2021-10-28 05:33 GMT

नगर निगम गोरखपुर चला रहा रस्मी फागिग

Gorakhpur News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के गृहजनपद गोरखपुर में डेंगू और मलेरिया के मामलों (Dengue Malaria Cases) में रोज बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन नगर निगम गोरखपुर (Municipal Corporation Gorakhpur) पूरी तरह बेपरवाह है। शहरी आबादी से लेकर डेंगू के मामले साल-दर-साल बढ़ रहे हैं । लेकिन नगर निगम मच्छरों के जंग के लिए हथियार कम कर रहा है, और फौज भी। दो साल पहले नगर निगम के पास फागिंग के लिए 70 मशीनें थीं, जो घटकर 31 पहुंच गई हैं। वहीं 150 कर्मचारियों की फौज को घटाकर 50 पर सिमटा दिया गया है।

गोरखपुर में स्वास्थ्य विभाग के आकड़ों के हिसाब से सिर्फ 13 डेंगू के मरीज हैं। लेकिन प्राइवेट लैब में जांच कराने वालों की संख्या हजारों में है। वहीं निजी चिकित्सकों से इलाज करा रहे लोगों की संख्या 250 के पार है।

नगर निगम और मलेरिया विभाग द्वारा रस्मी कार्रवाई ही की गई

बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे के वर्कशाप में छह कर्मचारियों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इतनी भयावकता के बाद भी जिम्मेदार सिर्फ लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम में ही व्यस्त हैं। मलेरिया विभाग की टीमों ने पिछले दिनों 1050 से अधिक स्थानों पर जांच करने के बाद 28 स्थानों पर डेंगू के लार्वा मिलने की पुष्टि की थी। लेकिन नगर निगम और मलेरिया विभाग द्वारा रस्मी कार्रवाई ही की गई। फागिंग और छिड़काव के नाम पर नगर निगम हर साल 30 लाख रुपये से अधिक केमिकल और चूना आदि पर खर्च कर रहा है। 50 कर्मचारियों पर सालाना करीब 60 से 70 लाख रुपये खर्च होते हैं। डीजल व पेट्रोल पर भी सालाना 50 लाख से अघिक खर्च होता है। फागिंग के लिए दो बड़ी व 31 छोटी मशीनें लगाई जाती हैं। लेकिन फिलहाल वीआईपी मूवमेंट और शिकायतों पर ही फागिंग हो रही है। सहायक नगर आयुक्त डॉ.मणि भूषण तिवारी का दावा है कि पांच जोन में 9-9 कर्मचारी लगाए गए हैं। सभी वार्ड में सुबह छिड़काव और स्प्रेइंग हो रहा है और रात में फागिंग होती हैं। नालियों के अंडे देने वाले मच्छर को पैदा होने से रोकने के लिए प्रभावी प्रयास किया जा रहा है।

आबादी बढ़ रही, संसाधन घट रहे

नगर निगम की आबादी साल दर साल बढ़ रही है। लेकिन निगम में लगातार संसाधनों की लगातार कमी हो रही है। चंद वर्ष पहले तक नगर निगम में 70 फागिंग वाली मशीनें और 150 से अधिक कर्मचारी थे। लेकिन वर्तमान में सिर्फ 31 मशीनें ही हैं। कहने को तीन बड़ी मशीनें हैं । लेकिन एक खराब पड़ी हुई है। कर्मचारियों की संख्या भी घटकर सिर्फ 50 रह गई है। इनमें से 5 स्थाई कर्मचारी हैं। वर्तमान में वार्डों में फागिंग का कोई शेड्यूल नहीं है। 

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