Gorakhpur News: चुनाव आया तो अफसर भी बनाने लगे माहौल, कोटेदारों के खाते में पहुंचे 43 करोड़
विधानसभा चुनाव से पहले गोरखपुर में तैनात अधिकारी सरकार की छवि को ठीक करने में जुटे हैं।
Gorakhpur News: विधानसभा चुनाव से पहले गोरखपुर में तैनात अधिकारी सरकार की छवि को ठीक करने में जुटे हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह के प्रयास से जहां 30 साल पुराने मामले निस्तारित हो रहे हैं तो वहीं कमिश्नर की पहल से 5000 कोटेदारों को दस साल से बकाया राशि मिल गई है। गीडा के सीईओ औद्योगिक प्लाट के लिए आवेदन मांगने लगे हैं। तो वहीं जिलाधिकारी भी कार्यालय में बैठ कर फरियाद सुन रहे हैं।
कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने कोटेदारों के हक में बड़ा काम किया है। जो बकाया पिछले 10 साल से नहीं मिल रहा था, वह सिर्फ 30 दिन की कोशिशों के बाद मिल गया। कमिश्नर ने मिड-डे-मील, ट्रांसपोटेशन और लाभांस का बकाया कोटेदारों को दिला दिया है। इससे मंडल के 5000 कोटेदारों के खाते में 43 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि पहुंच गई है। एक कोटेदार के खाते में एक मुश्त औसतन 82 से 85 हजार रुपये की धनराशि आई है।
कमिश्नर की सख्ती से बनी बात
मंडलायुक्त की सख्ती के बाद खाद्य एवं रसद विभाग ने मंडल के चारों जिलों के तकरीबन पांच हजार कोटेदारों को 28 करोड़ का बकाया ताजा भुगतान किया है। इसके पहले महीने की शुरुआत में कोटेदारों को मिड-डे मील, परिवहन एवं लाभांश के बकाये के रूप में 15 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। मिड-डे मील, परिवहन एवं लाभांश के भुगतान के लिए एक दशक से परेशान कोटेदारों ने बीते दिनों मंडलायुक्त से गुहार लगाई थी। इसके बाद मंडलायुक्त ने खाद्य तथा रसद विभाग के अधिकारियों को तलब कर कोटेदारों का अविलंब भुगतान करने का निर्देश दिया था। मंडलायुक्त ने सोमवार को खाद्य तथा रसद विभाग के अधिकारियों को तलब कर भुगतान की समीक्षा की। अधिकारियों ने 15 दिन के भीतर बाकी बकाये का भुगतान किए जाने का आश्वासन दिया।
सर्वाधिक गोरखपुर के कोटेदारों को मिले
अधिकारियों ने बताया कि निशुल्क खाद्यान्न के लिए जमा राशि में कुशीनगर के कोटेदारों को 7.52 करोड़, देवरिया के कोटेदारों को 6.32 करोड़, महराजगंज के कोटेदारों को 5.37 करोड़ एवं गोरखपुर के कोटेदारों को 8.56 करोड़ों का भुगतान किया गया है। कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने कहा कि कोटेदारों का जितना भी बकाया हो उसका भुगतान बिना विलंब के कराया जाए। इसमें लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही होगी।