UP Election 2022: अटकलों का बाजार गर्म, स्वामी को आरपीएन चुनौती देंगे या उनकी पत्नी?

पडरौना राजघराने के राजा आरपीएन सिंह कुर्मी समुदाय से आते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह वह भी पूर्वांचल के बड़े ओबीसी नेता हैं। बीजेपी ने आरपीएन को पार्टी में लाकर स्वामी की काट निकालने का प्रयास किया है।

Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-01-25 17:27 IST
आरपीएन सिंह अपनी पत्नी सोनिया सिंह के साथ 

UP Election 2022: कांग्रेस के दिग्गज आरपीएन सिंह (RPN Singh)के भाजपा (BJP) में शामिल होने के बाद कुशीनगर की पड़रौना विधानसभा सीट पर चुनाव दिलचस्प हो गया है। पड़रौना से स्वामी प्रसाद मौर्या लगातार जीतते आ रहे हैं, अब उन्हें आरपीएन सिंह से चुनौती मिलने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन अभी तय नहीं है कि स्वामी को आरपीएन सिंह से चुनौती मिलेगी या फिर उनकी पत्नी सोनिया सिंह से। चर्चा है कि आरपीएन राज्यसभा से केन्द्र की राजनीति में भेजे जा सकते हैं और उनकी पत्नी सोनिया सिंह को पड़रौना सीट से भाजपा का टिकट मिलेगा।

पडरौना राजघराने के राजा आरपीएन सिंह कुर्मी समुदाय से आते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह वह भी पूर्वांचल के बड़े ओबीसी नेता हैं। बीजेपी ने आरपीएन को पार्टी में लाकर स्वामी की काट निकालने का प्रयास किया है। यह भी बताया जा रहा है कि बीजेपी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ आरपीएन सिंह को उतार सकती है।

इससे स्वामी प्रदेश के दूसरे हिस्सों में प्रचार पर अधिक समय नहीं दे पाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा के इस दांव से सपा और स्वामी प्रसाद मौर्या बुरी तरह फंस गए हैं। चर्चा है कि आरपीएन सिंह की पत्‍नी सोनिया सिंह पडरौना से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकती है। सोनिया सिंह एनडीटीवी की एंकर रह चुकी हैं। इसी सीट से स्‍वामी प्रसाद मौर्या भी चुनाव लड़ने वाले हैं।

आरपीएन सिंह और उनकी पत्नी सोनिया सिंह की तस्वीर 

राज्यसभा भेजे जा सकते हैं आरपीएन सिंह

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आरपीएन सिंह को बीजेपी राज्‍यसभा में भेज सकती है। दिलचस्प यह है कि भाजपा की तरफ से ही मीडिया में इस तथ्य को पहुंचाया जा रहा है कि आरपीएन सिंह कुर्मी बिरादरी से आते हैं। ऐसे में पूर्वांचल के कुर्मी वोटों को लेकर स्वामी के जाने से हुए नुकसान का काफी हद तक भाजपा भरपाई कर लेगी।

गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों के साथ ही बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ और वाराणसी आदि इलाकों में मौर्या वोटों का खासा प्रभाव है। बता दें कि आरपीएन सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्‍तीफा दे दिया। आरपीएन तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं। वह कांग्रेस की कोर कमेटी में थे। झारखंड के प्रभारी थे। आरपीएन कांग्रेस में विभिन्न महत्‍वपूर्ण पदों पर काम चुके हैं।

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