Raebareli News: पैर का इलाज कराने गए युवक का किया पेट का ऑपरेशन, डॉक्टर ने आरोपों से किया इनकार

Raebareli News: सत्यम हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मासूम बच्चे के हाथों में हुए इंफेक्शन के गैंग्गरीन में बदलने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि आज जिला अस्पताल में तैनात दो डॉक्टरों की लापरवाही फिर सामने आ गई है। आरोप है कि पैर का इलाज कराने गए युवक का डॉक्टरों ने ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर पेट का ऑपरेशन कर दिया।;

Update:2023-07-05 16:54 IST
पैर का इलाज कराने गए युवक का डाक्टरों ने किया पेट का ऑपरेशन: Photo- Newstrack

Raebareli News: जिले में तैनात डॉक्टरों के एक से बढ़कर एक कारनामे लगातार सामने आ रहे हैं। अभी कल सत्यम हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मासूम बच्चे के हाथों में हुए इंफेक्शन के गैंग्गरीन में बदलने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि आज जिला अस्पताल में तैनात दो डॉक्टरों की लापरवाही फिर सामने आ गई है। आरोप है कि पैर का इलाज कराने गए युवक का डॉक्टरों ने ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर पेट का ऑपरेशन कर दिया।

एक डॉक्टर ने भेजा दूसरे के पास

लालगंज कोतवाली क्षेत्र के दीपे मऊ गांव के रहने वाले राजकुमार सिंह पुत्र स्वर्गीय उदय पाल सिंह उम्र 36 वर्ष पैर का इलाज कराने के लिए रायबरेली जिला अस्पताल गए हुए थे। उनका आरोप है कि उन्होंने डॉ प्रदीप अग्रवाल ने उनका इलाज किया, जिसके बाद उन्होंने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सलीम के पास भेज दिया। जहां डॉक्टर सलीम ने पीड़ित राजकुमार को ऑपरेशन थिएटर ले जाकर बेहोशी का इंजेक्शन दिया और पैर का ऑपरेशन न करके पेट का ऑपरेशन कर दिया। पीड़ित राजकुमार ने अब न्याय के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए डीएम को शिकायती पत्र सौंपा।

डॉक्टर ने खारिज किए आरोप

इस मामले में फोन करके जानकारी ली गई तो डॉक्टर सलीम ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है। एक बार डॉक्टर ने हमारे पास कंसल्ट के लिए भेजा था। वह हो सकता उसी को लेकर यह बता कह रहा हों, मगर हम हार्ट के चिकित्सक हैं। हमें पेट और पैर से कोई मतलब ही नहीं है। वह फ़र्जी आरोप लगा रहा है। दूसरी तरफ ये मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग सरकारी अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि यदि इस शख्स के आरोप सही हैं तो काफी गंभीर बात है। चूंकि गरीब लोगों के लिए सरकारी अस्पताल ही एकमात्र सहारा साबित होता है। ऐसे लोगों की कमी भी नहीं है, जो इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सोशल मीडिया पर कमेंट्स कर रहे हैं।

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