Raebareli News: रायबरेली एम्स (AIIMS) में शुरू हुई इमरजेंसी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने किया उद्घाटन

Raebareli News: रायबरेली एम्स के इमरजेंसी समेत दो अन्य यूनिट का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि मोदी सरकार देश भर में स्वास्थ्य को लेकर काम कर रही है।

Update: 2023-07-26 10:59 GMT
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने किया रायबरेली एम्स (AIIMS) का उद्घाटन: Photo- Newstrack

Raebareli News: सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में बात की जाए तो बीजेपी 2024 की तैयारी में भरपूर जोर आजमाइश करते नजर आ रही है। आज रायबरेली एम्स के साथ आज एक और उपलब्धि जुड़ गई है। एम्स में आज से 20 बेड की इमरजेंसी के साथ ही बच्चों के लिए गहन चिकित्सा यूनिट की शुरुआत हो गई। एम्स शुरू होने से अब तक यहां लगभग सभी विभागों की ओपीडी तो थी, लेकिन इमरजेंसी न होने से जिला अस्पताल ही लोगों का सहारा था। ऐसे में यहां इमरजेंसी की शुरुआत रायबरेली और आसपास के लोगों के लिए बड़ी उपलब्धि है।

मोदी सरकार देशभर में स्वास्थ्य पर कर रही कामः मनसुख मांडविया

आज से शुरू हुई इमरजेंसी समेत दो अन्य यूनिट का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि मोदी सरकार देश भर में स्वास्थ्य को लेकर काम कर रही है। प्राथमिक स्तर पर जहां प्राइमरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाया जा रहा है। वहीं द्वितीय स्तर पर जिला अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है। तृतीय स्तर पर एम्स जैसे संस्थान खोले जा रहे हैं, जिनमें से रायबरेली समेत 16 एम्स पूरी तरह काम कर रहे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कर्मचारियों से की बात

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स के डायरेक्टर अरविंद राजवंशी से एम्स के बारे में जानकारी ली और वहां पर काम कर रहे हैं स्वास्थ्य कर्मचारियों से मुलाकात कर जानकारी ली। मनसुख मांडविया ने कर्मचारियों से कहा कि आप लोगों को बेहतर कार्य के लिए कहीं कोई दिक्कत होती है तो हम आपकी मदद के लिए सदैव खड़े रहेंगे। स्वास्थ्य राज्यमंत्री मनकेश्वर सिंह, रायबरेली के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और सलोन के विधायक अशोक कोरी सहित बीजेपी नेताओं ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का स्वागत किया।

मरीजों को होगी सहूलियत

एम्स में इमरजेंसी शुरू हो जाने से रायबरेली ही नहीं, आसपास के जनपदों के मरीजों को भी सहूलियत होगी। माना जा रहा है कि यहां गंभीर चिकित्सा की सुविधा होने की वजह से लखनऊ के एसजीपीजीआई पर दबाव कम होगा।

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