आजम खान को हाईकोर्ट से मिली राहत, नहीं टूटेगा हमसफर

योगी सरकार में लगातार आरोप और कानूनी कार्रवाई झेल रहे समाजवादी पार्टी के दिग्‍गज नेता मोहम्‍मद आजम खान को हाईकोर्ट से राहत मिलने की खबर है।

Update: 2020-09-09 12:08 GMT
आजम खान को हाईकोर्ट से मिली राहत, नहीं टूटेगा हमसफर (social media)

लखनऊ: योगी सरकार में लगातार आरोप और कानूनी कार्रवाई झेल रहे समाजवादी पार्टी के दिग्‍गज नेता मोहम्‍मद आजम खान को हाईकोर्ट से राहत मिलने की खबर है। रामपुर में उनके परिवार की मिल्कियत वाले रिजॉर्ट हमसफर को अभी तोड़ा नहीं जा सकेगा। हाईकोर्ट ने मामले में पक्षकार डॉ तजीन फातिमा का सक्षम प्राधिकार में अपील करने का अधिकार बहाल करते हुए कहा है कि जब तक अपील पर फैसला नहीं आ जाता हे तब तक ध्‍वस्‍तीकरण नहीं किया जाए।

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हमसफर रिजॉर्ट की मालकिन मोहम्‍मद आजम खान की पत्‍नी डॉ तजीन फातिमा हैं

रामपुर के हमसफर रिजॉर्ट की मालकिन मोहम्‍मद आजम खान की पत्‍नी डॉ तजीन फातिमा हैं। उन्‍होंने रिजॉर्ट के ध्‍वस्‍तीकरण पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान रामपुर विकास प्राधिकरण के ध्‍वस्‍तीकरण आदेश को भी गलत माना। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्‍यायमूर्ति शशिकांत गुप्‍ता और न्‍यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि ध्‍वस्‍तीकरण के किसी भी आदेश के खिलाफ प्रभावित पक्ष को अपील करने का अधिकार प्राप्‍त है। जब तक अपील करने की मियाद पूरी नहीं होती अथवा जब तक अपील पर फैसला नहीं आ जाता है तब तक ध्‍वस्‍तीकरण नहीं किया जा सकता।

azam-khan (file photo)

पीठ ने याचिकाकर्ता को दो सप्‍ताह में अपील दाखिल करने को कहा

पीठ ने याचिकाकर्ता को दो सप्‍ताह में अपील दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने सक्षम प्राधिकारी को भी चार सप्‍ताह के अंदर मामले का निस्‍तारण करने के लिए कहा है। इस तरह हाईकोर्ट का आदेश अगले छह सप्‍ताह के लिए ही प्रभावी रहेगा। रामपुर विकास प्राधिकरण ने 27 अगस्‍त को आजम खान के रिजॉर्ट हमसफर को ध्‍वस्‍त करने आदेश जारी किया है। प्राधिकरण ने अपने नोटिस में बताया है कि रिजार्ट का ज्‍यादातर हिस्‍सा गैरकानूनी है। तीस मीटर की चौडाई की ग्रीन बेल्‍ट में रिसेस्‍पशन हॉल, टॉयलेट एरिया और बैंक्‍वेट हॉल का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा नक्‍शा भी नियमानुसार पारित नहीं कराया गया है।

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रिजॉर्ट का नक्‍शा जिला पंचायत से स्‍वीकृत है जबकि जिला पंचायत की ओर से कहा गया है कि जिस जमीन पर सीलिंग, भूअर्जन, ग्राम समाज अथवा नजूल विवाद हो उसका नक्‍शा पास होने के बाद भी अपने आप खारिज हो जाएगा। तथ्‍यों को छुपाकर नक्‍शा पास कराने पर जिला पंचायत का नक्‍शा मान्‍य नहीं होगा ऐसा विधान पहले से ही है। इस सिलसिले में प्राधिकरण की ओर से डॉ तजीन फातिमा को नोटिस जारी कर कहा गया है कि या तो अगले 15 दिन में वह अपने रिजॉर्ट को खुद गिरा दें अन्‍यथा प्राधिकरण की टीम उसे ध्‍वस्‍त कर देगी। इस ध्‍वस्‍तीकरण में जो भी खर्च होगा उसकी भरपाई भी उनसे की जाएगी।

अखिलेश तिवारी

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