अवैध घुसपैठ: विदेशी नागरिकों के पकड़े जाने में 18.9 प्रतिशत की कमी
देश में पकड़े गए विदेशी नागरिकों की संख्या में आयी कमी तो इसी ओर इशारा करती है। वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2018 में देश में विदेशी नागरिकों के पकड़ें जाने में करीब 18.9 प्रतिशत कमी आई है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: इसे मोदी सरकार का इकबाल कहें या इसके पीछे कोई और कारण है कि देश में मोदी सरकार बनने के बाद से ही अवैध घुसपैठ कम हुई है। देश में पकड़े गए विदेशी नागरिकों की संख्या में आयी कमी तो इसी ओर इशारा करती है। वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2018 में देश में विदेशी नागरिकों के पकड़ें जाने में करीब 18.9 प्रतिशत कमी आई है। वर्ष 2018 में इन पकड़े गए 5168 विदेशी नागरिकों में 4381 पुरुष तथा 787 महिला है तथा इसमे सबसे ज्यादा बांग्लादेश से है।
नेशनल क्राइम ब्यूरों की रिपोर्ट के मुताबिक देश में पकड़े गये विदेशी नागरिकों में 68.8 प्रतिशत 1451 बांग्लादेशी, नेपाली 10.6 प्रतिशत 224 है। जबकि पाकिस्तान के महज 133 लोग पकड़े गए है, जो कुल पकड़े गए विदेशी नागरिकों का 6.3 प्रतिशत है। पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों में सबसे ज्यादा 1379 बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल राज्य में पकड़े गए है।
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सबसे ज्यादा पकड़े गए बांग्लादेशी
रिपोर्ट के मुताबिक पकड़े गए विदेशी नागरिकों में 40.8 प्रतिशत 2108 दोषी पाए गए है। जबकि 50.5 प्रतिशत 2611 का अदालतों में ट्रायल चल रहा है और 0.8 प्रतिशत 43 हिरासत में है। पकड़े गए विदेशी नागरिकों में बांग्लादेशी नागरिकों का 1044 सबसे ज्यादा ट्रायल अदालतों में चल रहा है। जबकि इसके बाद नाइजीरिया के 489 नागरिकों का अदालतों में ट्रायल चल रहा है। सबसे ज्यादा 576 अंडरट्रायल पश्चिम बंगाल में चल रहे हैं। जबकि महाराष्ट्र में 508 तथा दिल्ली में 306 अंडरट्रायल चल रहे है।
पकड़े गए विदेशी नागरिकों में बांग्लादेशी नागरिकों के होने से साफ संकेत मिलते है कि बांग्लादेश से भारत में अवैध घुसपैठ सबसे ज्यादा हो रही है और सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के रास्ते से ही यह अवैध घुसपैठ हो रही हैं। हालांकि इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि देश में मोदी सरकार बनने के बाद से इस अवैध घुसपैठ में लगातार कमी आई है।