Sonbhadra: बगैर शौचालय निर्माण शुरू किए मांगी दूसरी किश्त, दो एडीओ पंचायतों सहित चार की रोकी वेतन वृद्धि

Sonbhadra News: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-दो के तहत गांवों में बनवाए जा रहे शौचालय के निर्माण और इसकी निगरानी में बरती जा रही लापवाही को लेकर कार्रवाई शुरू हो गई है।

Update: 2022-08-29 12:14 GMT
सोनभद्र में शौचालय निर्माण में धांधली (फोटों सोशल मीडिया)
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Sonbhadra News Today: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-दो के तहत गांवों में बनवाए जा रहे शौचालय के निर्माण और इसकी निगरानी में बरती जा रही लापवाही को लेकर कार्रवाई शुरू हो गई है। फिलहाल बगैर शौचालय निर्माण शुरू हुए, दूसरी किस्त की मांग भेजने के लिए, एडीओ पंचायत नगवां और चतरा के साथ ही दोनों ब्लाकों के एक-एक ग्राम पंचायत अधिकारी की एक-एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी गई है। साथ ही निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। डीपीआरओ विशाल सिंह की तरफ से यह कार्रवाई, दूसरी किश्त के लिए भेजे गए मांगपत्र के औचक सत्यापन के दौरान सामने आई गड़बड़ी के क्रम में की गई। 

सत्यापन के दौरान डीपीआरओ ने पाया कि विकासखंड नगवा के ग्राम पंचायत सराईगाड़ में 27 ऐसे शौचालय थे, जिनका निर्माण कार्य प्रांरभ हुए बिना ही, उनके द्वितीय किस्त की डिमांड विकास खंड से भेज दी गई थी। इसके लिए सरईगांड़ ग्राम पंचायत के सचिव सुजीत कुमार और नगवां ब्लाक के प्रभारी सहायक विकास अधिकारी पंचायत चंद्रदेव पांडेय का जिम्मेदार माना गया और उनकी एक-एक वेतन वृद्धि रोकने का आदेश जारी कर दिया गया। इसी तरह विकास खंड चतरा में शौचालयों के निर्माण की स्थिति की सत्यापन के दौरान तीन शौचालय ऐसे पाए गए, जिनका निर्माण कार्य शुरू हुए बिना ही, दूसरी किस्त की मांग भेज दी गई। इसके लिए संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव प्रमोद कुमार और चतरा ब्लाक के सहायक विकास अधिकारी पंचायत सुधाकर राम की जिम्मेदारी तय की गई और उनकी एक-एक वेतन वृद्धि रोक दी गई। 

सीडीओ ने निर्माण कार्य शुरू होने पर ही दूसरी किस्त मांगने के दिए थे निर्देश - पूर्व में शौचालय निर्माण को लेकर कई ग्राम पंचायतों में बड़ा घोटाला और सीडीओ की तरफ से बगैर निर्माण शुरू हुए, दूसरी किस्त का मांग पत्र न भेजने के स्पष्ट निर्देश के बावजूद, नगवां और चतरा ब्लाक के एडीओ पंचायत ने लापरवाही बरती और बगैर किसी सत्यापन, बगैर जानकारी किए ही, सचिव द्वारा लाए गए मांगपत्र को अग्रसारित कर दिया। वहीं सचिव की तरफ से भी यह जानने की जरूरत नहीं समझी गई कि वास्तव में जिसे शौचालय आवंटित किया गया है, उसने निर्माण कार्य शुरू कराया है कि नहीं। यहीं कारण है कि जब डीपीआरओ औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे तो बगैर निर्माण कार्य शुरू हुए ही, दूसरी किस्त की मांग प्रेषित करने का मामला पा, दंग रह गए।

ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को शिथिलता न बरतने की दी गई चेतावनी - डीपीआरओ विशाल सिंह ने सभी ग्राम पंचायत सचिव और सहायक विकास अधिकारी पंचायत को निर्देशित किया है कि शौचालय निर्माण में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धनराशि मांग के समय यह ध्यान रखा जाए कि लाभार्थी पात्र हो। वहीं दूसरी किस्त की मांग उसी शौचालय की भेजी जाए, जिसका निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। आगे से ऐसा न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

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