UP Nikay Chunav 2023: यूपी में इस मेयर की सीट पर सपा, बसपा आज तक नहीं खोल सकी हैं खाता, इस बार जता रहीं उम्मीद
UP Nikay Chunav 2023: जनपद में इन दिनों सियासत गरमाई हुई है। नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में वोटिंग होनी है। नगर निगम महापौर की सीट पर सपा और बसपा अभी तक जीत का स्वाद नहीं चख सकी हैं।
Jhansi News: जनपद में इन दिनों सियासत गरमाई हुई है। नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में वोटिंग होनी है। नगर निगम महापौर की सीट पर सपा और बसपा अभी तक जीत का स्वाद नहीं चख सकी हैं। अब तक चार बार हो चुके चुनाव में पहली बार भाजपा को हराकर कांग्रेस का मेयर चुना गया था। तो पिछले दो बार से इस सीट पर भाजपा ने कब्जा जमा रखा है। इस दौरान सबसे ज्यादा नुकसान में सपा रही, जो मुख्य मुकाबले में भी नहीं आ सकी है।
पहली बार 2006 में हुआ था चुनाव
झांसी नगर पालिका से नगर निगम बनने के बाद पहला चुनाव वर्ष 2006 में हुआ। जिसमें कांग्रेस के डॉ. बी लाल महापौर चुने गए। उन्हें 76,794 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर सपा के योंगेद्र कसौरिया रहे, जिन्हें 39074 मत मिले। इस चुनाव में भाजपा ने नगर पालिका अध्यक्ष रहे डॉ. धन्नूलाल गौतम को मैदान में उतारा, लेकिन वह 36,812 वोट पाकर तीसरे स्थान पर चले गए। यह अकेला मुकाबला था, जिसमें सपा दूसरे नंबर पर रही, जबकि इसके बाद हुए दो चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई।
2012 में भाजपा को मिली जीत
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रदर्शन सुधार किया। 2012 में हुए चुनाव में भाजपा की किरण वर्मा ने 60,782 मत पाकर जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला बिल्हाटिया को हराया। कांग्रेस प्रत्याशी को 35123 वोट मिले। बसपा की रेखा संतराम तीसरे नंबर पर रही।
सपा ने दो प्रत्याशियों को दिया था समर्थन
2012 में समाजवादी पार्टी ने दो प्रत्याशियों को समर्थन दिया था। जिनकी जमानत जब्त हो गई। सपा समर्थित रेखा जतारिया को 11,171 तो सपा की बागी प्रेमलता वर्मा को 9824 वोट मिले थे।
2017 में रामतीर्थ सिंघल बने मेयर
2012 के बाद एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहरा दिया और 2017 में रामतीर्थ सिंघल ने 77,090 वोट पाकर बसपा प्रत्याशी बृजेंद्र कुमार व्यास को हराया था। बसपा प्रत्याशी को 60,709 वोट मिले थे।
कांग्रेस और सपा की जमानत हो गई थी जब्त
इस चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व प्रदीप जैन आदित्य को मैदान में उतारा तो समाजवादी पार्टी ने राहुल सक्सेना पर दांव लगाया। लेकिन दोनों प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। अब एक बार फिर चुनावी बिगुल फुंक चुका है। राजनीतिक दलों ने ताकत लगा दी है। भाजपा पूरी रणनीति के साथ मैदान में उतर आई है जिस में सेंध लगाना विपक्षी दलों के लिए बड़ी चुनौती होगी। फिलहाल विपक्षी दल भी अपनी पूरी ताकत झोंक कर चुनाव लड़ रहा है।