यूपी अपहरण कांड: योगी सरकार ने की CBI जांच की सिफारिश, धरने पर बैठे परिजन

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक कानपुर बर्राकांड के पीड़ित परिजनों की मांग पर सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है।

Update: 2020-08-02 06:47 GMT

लखनऊ। कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण और उसके बाद हत्या के प्रकरण में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक कानपुर बर्राकांड के पीड़ित परिजनों की मांग पर सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है।

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प्रशासन मिला हुआ

इधर, रविवार सुबह से ही संजीत की माता-पिता और बहन ने न्याय दिलाने और संजीत के शव की बरामदगी के लिए कानपुर में शास्त्री चैक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरु कर दिया है। इसी दौरान संजीत की मां ने पांडु नदी में कूदने का प्रयास किया लेकिन पुलिस और क्षेत्रीय लोगों ने उन्हे रोका। बता दे कि हत्यारों ने संजीत का शव पांडु नदी में ही फेका था। इसके बाद संजीत की मां ने पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए केहा कि एक मां के दिल से पूछों, नौ माह तक गर्भ रखती है, मां का दर्द समझते। प्रशासन मिला हुआ है। आम जनता को गुमराह किया जा रहा है।

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ये है मामला

बता दे कि कानपुर के बर्रा इलाके में रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत का बीती 22 जून को अपहरण किया गया था। 26 जून को उसकी हत्या कर दी थी। 29 जून को उसके परिवार वालों के पास फिरौती के लिए फोन आया। 30 लाख रुपए फिरौती मांगी गई की थी। परिवार का आरोप है कि उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख की फिरौती दी, इसके बाद भी उनका बेटा नहीं मिला। इस मामलें में संजीत के दो दोस्तों को बीते गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने संजीत का शव पांडु नदी में फेंक दिया था। इस मामले में एक आईपीएस समेत 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

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