स्वास्थ्य विभाग का कारनामा, 1 महिला की कोरोना जांच, 9 लोगों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना जांच के लिए 55 वर्षीय महिला का सैंपल लिया गया, किंतु नौ अन्य लोगों के बिना सैंपल लिए ही रिपोर्ट पॉजिटिव निकाल दी।;
एटा: जहां पूरा देश कोरोना महामारी (Coronavirus) से जूझ रहा है, लोगों में कोरोना से मौत (death) का भय व्याप्त है। वहीं उत्तर प्रदेश के एटा जनपद की तहसील जलेसर के स्वास्थ्य विभाग का एक ऐसा कारनामा घोटाला सामने आया है जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना जांच के लिए एक 55 वर्षीय महिला का सैंपल लिया गया, किंतु नौ अन्य लोगों के बिना सैंपल लिए ही अलीगढ़ मैडिकल कालेज से रिपोर्ट पॉजिटिव (corona positive report ) आ गई। जिससे गांव व पूरे क्षेत्र में हडकंप मच गया।
मामला एटा जनपद के थाना जलेसर क्षेत्र की तहसील जलेसर के गांव वेरनी का है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के इस कारनामे ने एटा के साथ साथ अलीगढ़ मैडिकल कालेज की रिपोर्ट पर भी सवालिया निशान लगा दिया है।
घटना क्रम के अनुसार गांव वेरनी निवासी मधुसूदन ने डॉ पवन शर्मा पर आरोप लगाते हुए फोन पर बताया कि मेरी मां 55 वर्षीय ममता देवी की पिछले दिनों तबीयत खराब चल रही थी । जिस कारण हमने 23 अप्रैल को उनका गांव में ही आई टीम से कोरोना टैस्ट कराया। उस समय मेरे साथ टीम के लोगो ने ट्रेक करने के लिए आठ अन्य लोगों के नाम पता व फोन नंबर नोट कर लिए गए थे। गांव में मेरी मां के अलावा किसी अन्य व्यक्ति का कोई सैंपल नहीं लिया गया। किन्तु 25 अप्रेल को स्वास्थ्य विभाग की प्रकाशित लिस्ट में नौ अन्य नाम लिखाने वाले लोगो की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई। जिससे लोगो मे हडकंप मच गया।
सबके टेस्ट किए गए
सैंपल लेने गई टीम के प्रभारी डॉक्टर पवन शर्मा ने फोन पर बताया कि ऐसा कैसे संभव है, शेष लोगो के सैंपल भी लिए गए थे। जबकि रिपोर्ट आने वाले लोगों ने सैंपल लेने की बात से स्पष्ट इनकार कर दिया गया है। उन्होंने बताया नियमानुसार अगर कहीं भी कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे ट्रैक करने के लिए उसके आसपास के लोगों को ट्रैक करके कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की जाती है। उनके सैंपल भी ले जाते हैं।
डॉक्टर ने कहा कि जिनके सैंपल लिए बिना रिपोर्ट आ गई मैं उनसे बात कर लूंगा। उनसे बात करने की कहने पर जब उनसे बिना सैंपल लिए रिपोर्ट आने का कारण पूछा गया तो वह बोले आपको क्यों बताऊं? जब उनसे कहा कि तो कौन बताएगा तो उन्होंने कहा कि आप वही करिए जो आप कर सकते हैं। बिना जांच के पॉजिटिव लोगो से ली गई जानकारी के अनुसार, चिकित्सक से फोन से बात के बाद तुरंत डॉक्टर द्वारा शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर पूरे मामले को रफा-दफा करने हेतु दबाव व प्रयास में जुटे गए हैं।
लोगों ने की डॉक्टर की शिकायत
आपको बताते चलें की बीते 23 अप्रैल को ग्राम वेरनी में 55 वर्षीय ममता देवी का RTPCR का सैंपल लिया गया था। जिसकी रिपोर्ट 25 अप्रेल को पाॅजिटिव प्राप्त हो गई थी। किंतु जब सैंपल लेने व जांच के लिए जो टीम आई थी। उन्होंने कोरोना पीड़िता के पुत्र , मधुसूदन पचौरी, धुर्व, तनु कुमारी, रामचंद्र, प्रियाकांत, तनु कुमारी , पुष्पेंद्र रत्नेस, वियोम प्रकाश के नामों को ट्रैक करने के लिये नामों को नोट कर लिया गया था। किंतु दूसरे दिन स्वास्थ्य विभाग की कोरोना पॉजिटिव की जारी सूची में वेरनी गांव के ही 9 ऐसे नामों को देखते हुए पूरे गाँव में हड़कंप मच गया जिनका स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल लिया ही नहीं था। जब लोगो ने डाक्टर से शिकायत की है। उनका कहना है कि जब कोविड चैक ही नहीं हुआ तो उनकी उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव कैसे आ गई। इसपर डॉक्टर ने उन्हें समझाया कि टेक्निकल मिस्टेक से तुम्हारे नाम छ्प गए हैं, हटवा दुंगा।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अरविंद गर्ग से बात करने पर उन्होंने कहा, ऐसा कैसे हो सकता है और उन्होंने किसी जांच कराने के स्थान पर घोटालेबाज डॉक्टर पवन शर्मा ने बात कराने की बात कही गई। जो इस प्रकरण को खत्म करने के लिए वेरनी वासियों पर दबाव बना रहे हैं। जिलाधिकारी विभा चहल से फोन से सम्पर्क करने पर उनसे बात नहीं हो पाई। एडी स्वास्थ्य अलीगढ़ का सीयूजी नम्बर कई बार मिलाने के बाद भी नहीं उठाया गया।