दारोगा बना श्रवण कुमारः यूपी का वर्दीवाला बेटा, बुजुर्ग पिता के लिए उठाया ये कदम
उधम सिंह नगर निवासी जीबी पंत को तीन पहले शाहजहांपुर के आरपीएफ थाने में तैनाती मिली थी। वह एएसआई के पद पर रहकर तीन बेहद सराहनीय कार्य करते रहे।
शाहजहांपुर: कहते है सरकारी नौकरी पाना हर किसी का सपना होता है। इंसान हर जतन कर नौकरी पाना चाहता है, लेकिन यूपी के शाहजहांपुर में आरपीएफ में तैनात दरोगा ने नौकरी को नही बल्कि अपने पिता की अहमियत को सबसे आगे रखा। बुजुर्ग पिता की सेवा करने के लिए दरोगा ने नौकरी को ही अलविदा कहे दिया। नौकरी छोड़ने का कारण जब अन्य अधिकारीयों को पता लगा तो, वह भी बेहद खुश हुए और सम्मान के साथ दरोगा को विदाई दी।
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तीन पहले शाहजहांपुर के आरपीएफ थाने में तैनाती मिली थी
दरअसल उधम सिंह नगर निवासी जीबी पंत को तीन पहले शाहजहांपुर के आरपीएफ थाने में तैनाती मिली थी। वह एएसआई के पद पर रहकर तीन बेहद सराहनीय कार्य करते रहे। लेकिन उनके पिता भैरव दत्त की उम्र 85 वर्ष की हो चुकी है। जीबी पंत के पिता भी दरोगा के पद से रिटायर्ड हुए थे। उम्र ज्यादा होने के बाद उनकी देखभाल करने के लिए दरोगा के पद से बेटे ने नौकरी को अलविदा कहे दिया।
दरोगा जीबी पंत की जमकर प्रशंसा की
नौकरी छोड़ने का कारण जब अन्य आलाधिकारियों को पता लगा तो, उन्होंने भी दरोगा जीबी पंत की जमकर प्रशंसा की। दरोगा के विदाई समारोह में कंपनी कमांडर एसडी मीना ने उनके गले में माला डालरक उनको सम्मान के साथ विदा किया। साथ ही थाने अन्य दूसरे अधिकारियों ने दरोगा जीबी पंत के तीन साल के कार्य को याद करके उनकी तारीफ की।
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एसआई नरवीर सिंह ने विदाई कार्यक्रम का संचालन किया
एसआई नरवीर सिंह ने विदाई कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में दरोगा जीबी पंत को उपहार दिए गए। साथ ही उन्होंने कहा कि, दरोगा जीबी बदमाशों के पीछे काफी दौड़े हैं,तैनाती के वक्त उन्होंने बदमाशों के हौसले पस्त किए हैं।
रिपोर्ट- आसिफ अली
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