Shravasti News: पांच पत्नियों वाले नूरी बाबा का सच, मदरसा सञ्चालन के पीछे छापता था नकली नोट, पुलिस को मिले पाकिस्तान से तार जुड़े होने के संकेत
Shravasti News: 35,400 रुपये के नकली नोट व प्रिंटर, दो लैपटॉप, चार बोतल स्याही, 315 बोर का तमंचा व कारतूस के साथ गिरफ्तार सरगना नूरी बाबा का तार पाकिस्तान आईएसआई से जुड़ना सामने आने लगा है।;
Shravasti News: कबाड़ी से मदरसा प्रबंधक बने जाली नोटों के कारोबारी नूरी बाबा का अब पाकिस्तान प्रेम सामने आने लगा है। पुलिस को आशंका है कि पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई से उसका जुड़ाव हो सकता है। जो देश की आर्थिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए नकली नोटों को खपाने का धंधा पैर पसार रहा है। बता दें कि श्रावस्ती के साथ ही आसपास के जिलों में बीते कुछ सालों में बड़े पैमाने पर नकली नोट पकड़े गए हैं। लेकिन अभी तक इन नोटों की सप्लाई करने वाले असली गुनाहगारों को पुलिस नहीं पकड़ सकी है।
मदरसा सञ्चालन के पीछे नकली नोटों की छपाई
खैर बीते 2 जनवरी को पकड़े गए पांच आरोपितों के पास से कुल 34,400 नकली रुपये की नकली करेंसी बरामद की गई थी। पकड़े गए आरोपितों ने पूछताछ में बताया था कि उन्हें नकली नोटों की छपाई फिलहाल यू ट्यूब से सिखा था जो पुलिस के साथ किसी को पच नहीं रही है। इसी कारण पुलिस बड़े आराम से धीरे धीरे इसकी पूछताछ और जांच पड़ताल कर रही है। सप्लाई का नेटवर्क तराई के साथ नेपाल में भी बताया जा रहा है। पुलिस इस मामले में नूरी बाबा समेत उसके चार अन्य सहयोगियों तथा पांच पत्नियों और अन्य के संलिप्तता को मान रही है और पांच को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था, लेकिन अभी भी पुलिस को मुख्य सरगना पाकिस्तान के खिलाफ सबूत की दरकार है ।
पुलिस अफसरों की माने तो जो नकली नोट आरोपियों के पास से मिले हैं, उनकी आम आदमी पहचान भी नहीं कर सकता है। नोटों को देखकर और छूकर भी नहीं पता लगाया जा सकता है। वाटर मार्क के जरिए ही नोटों के नकली होने की पहचान साबित होती है। अफसरों को संदेह है कि इन नोटों को पड़ोसी देश पाकिस्तान से हैंडिल कराया जा रहा है। इसके साथ ही नेपाल और बांग्लादेश के जरिए भारत की करेंसी को कमजोर कराया जा रहा है। पूर्व में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें आरोपितों ने पाकिस्तान से नकली नोट आने की जानकारी खुफिया एजेंसियों को दी थी।
नूरी बाबा की पांच पत्नियां हैं
एसएसपी ने बताया कि इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों को रिपोर्ट भेजी गई है। उनके स्तर से भी इस मामले की जांच की जा रही है। मुख्य आरोपित नूरी बाबा समेत उनके पांच सहयोगियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। नूरी बाबा की पांच पत्नियों की सच्चाई जल्द ही कर ली जाएगी।
सूत्रों की माने तो नूरी बाबा रमजान माह में मुंबई में रहकर चंदा वसूलता था। इस बीच पश्चिम बंगाल व नेपाल में भी सक्रिय रहा था। मल्हीपुर क्षेत्र के लक्ष्मनपुर गंगापुर निवासी मुबारक अली उर्फ नूरी बाबा समय के अनुसार अपना पता व हुलिया बदलता रहता था। कभी फकीर बनकर जकात मांगता, तो कभी रमजान माह में मुंबई जाकर मस्जिद व मदरसा निर्माण के नाम पर चंदा वसूलता था। तकरीर करने के लिए नेपाल और पश्चिम बंगाल तक पहुंच जाता। इसके अलावा उसके सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विगत सात अक्तूबर 2017 की पोस्ट उसके पाकिस्तान प्रेम को भी उजागर कर रहा है। इसमें उसने पाकिस्तानी ध्वज के साथ अपनी फोटो पोस्ट कर रखी थी। आज भी उसके सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर यह पोस्ट मौजूद है। पुलिस अब उससे जुड़े लोगों की भी जानकारी जुटा रही है। उसके पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है।
नूरी बाबा काले कारनामों को छिपाने के लिए गांव के ही पांच भाइयों से उनके हिस्से की जमीन खरीदकर मदरसा खोला, जिसकी आड़ में उसने जाली नोटों की छपाई भी शुरू कर दी। मदरसे की ही आड़ में उसने झाड़-फ़ूंक व दवाखाना भी देता था। यहां तक बताया जा रहा है कि सेक्स उत्तेजना बढ़ाकर वह किशोरियों को अपने हबस का शिकार भी बनाता था। इसके अलावा गांव व क्षेत्र में अपने मृदुभाषी व सामान्य व्यवहार के कारण ही वह अब तक प्रशासन की नजर में नहीं आ सका था। नूरी बाबा का काला कारोबार दो जनवरी को सामने आया।
मदरसा अवैध मिला
पुलिस ने भेसरी नहर पुल से तीन लोगों को जाली नोट, तमंचा व कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद मल्हीपुर क्षेत्र के लक्ष्मनपुर स्थित मदरसे से नूरी बाबा और उसके एक सहयोगी को पकड़ा गया। मौके से एक प्रिंटर, दो लैपटॉप, चार बोतल स्याही, 35,400 रुपये के जाली नोट व 14500 रुपये असली, 315 बोर का तमंचा व कारतूस बरामद हुआ। इसके बाद पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया तो मदरसा भी अवैध मिला। नूरी बाबा के एक के बाद एक सभी कारनामे बेनकाब होने लगे। अब उसका पाकिस्तानी प्रेम भी सामने आया है।