काशी में बड़ा हादसा, पूर्व महंत ने कही ये बात
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर या विश्वनाथ धाम का निर्माणाधीन काम उस वक्त एक बार फिर विवादों में घिर गया जब मंदिर के नजदीक ही स्थित पूर्व महंत..
वाराणसी। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर या विश्वनाथ धाम का निर्माणाधीन काम उस वक्त एक बार फिर विवादों में घिर गया जब मंदिर के नजदीक ही स्थित पूर्व महंत कुलपति तिवारी के आवास के पश्चिमी हिस्से की तरफ की दीवार उस वक्त ढह गई जब कॉरिडोर में लगा एक जेसीबी पूर्व मंहत के मकान से लगे मकान को तोड़ रहा था।
मलबे में दबा बाबा विश्वनाथ का रजत सिंहासन
जेसीबी द्वारा चार मंजीला मकान को तोड़ने के चलते सारा मलबा पूर्व महंत के आवास की पश्चिमी दीवार और कई कमरों को भी क्षतिग्रस्त कर गया। जिसकी जद में 365 वर्ष पुरानी वह रजत शिवाला और चांदी जड़ित पालकी भी थी जिसकी झांकी रंगभरी एकादशी के पर्व पर निकलती है।
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फिलहाल एहतियात के तौर पर पूर्व महंत के परिवार को नजदीक ही एक गेस्ट हाउस में शरण लेना पड़ा और पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने चेतावनी भी दी है कि जल्द उनके मकान को मरम्मत करके वापस नहीं किया जाता तो वे जल समाधि ले लेंगे।
विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने कही ये बात
इस पूरे मामले पर विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने बताया कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इस तरह की कोई घटना होगी। मैंने अपने मकान को 16 दिसंबर 2019 को बच्चों के आग्रह पर कॉरिडोर के लिए दे दिया था।
मकान के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक मकान को मैंने बहुत पहले ही कॉरिडोर के लिए बेच दिया था। उसमें लगे काम के दौरान मैंने कई बार जेसीबी मशीन चलाने पर रोका कि इसकी वजह से भविष्य में कोई दिक्कत आ सकती है। जिस पर कांट्रेक्टर ने भरोसा दिलाया कि आप जिस मकान में रह रहे हो सुरक्षित रहेगा।
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उन्होंने आगे बताया कि परसों ही बगल वाले मकान से मलबा आकर हमारी सीढ़ी की तरफ गिर गया। लेकिन हम लोगों ने संतोष किया। फिर सुबह के वक्त आज तेज आवाज के साथ बगल के मकान का मलबा गिर पड़ा और मेरे बेटा और बहू की जान जाते-जाते बची।
रजत मूर्ति को मंदिर में रखवा दिया गया
इस घटना में बगल में तोड़े जा रहे मकान का 4 मंजिल हिस्सा पूरी तरह से नेस्तनाबूद हो गया। पूर्व महंत ने आगे बताया कि घटना के बाद आए अधिकारियों ने मुझे आश्वासन दिया कि एक-दो दिन के लिए आप अपने परिवार के साथ नजदीकी जालान धर्मशाला में शिफ्ट हो जाइए और रजत मूर्ति को मंदिर में रखवा दिया गया।
उन्होंने आगे बताया कि उनकी पत्नी और बहू के जेवर और चांदी का शिवाला और चांदी की पालकी चांदी का झूला मलबे में दब गया। पूर्व महंत के मुताबिक मलबे में उनका नंबर 50 से 60 लाख के आभूषण और मंदिर से जुड़ा सामान दबने से नुकसान हो गया।
पूर्व महंत ने पूरी घटना के लिए किसी को सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया
उन्होंने बताया कि चांदी के शिव पार्वती की प्रतिमा सुरक्षित है जिसको उन्होंने मंदिर में सुरक्षित रख दिया है। पूर्व महंत ने पूरी घटना के लिए किसी को सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया लेकिन इतना जरूर बोला है कि प्रशासन ने ठेकेदार को काम दिया तो यह प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है।
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके भवन का जो भी हिस्सा है उसको प्रशासन सुरक्षित रखे और जो उनकी प्रतिमा है उसको लाकर उनको हैंड ओवर कर दिया जाए और अगर बिना अनुमति के उनका भवन गिराया गया तो वे आत्महत्या कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी स्वेच्छा से भवन कॉरिडोर को तो बेच दिया है, लेकिन उनकी अनुमति के बगैर उनका भवन गिराया जाता है तो वे गंगा में जाकर जल समाधि ले लेंगे।