Sonbhadra News: सोनभद्र से लापता हैं 32 डॉक्टर, नोटिस के बाद भी नहीं मिल पा रहा जवाब, शासन को भेजी गई रिपोर्ट

Sonbhadra News: इस सूची में पांच चिकित्सक ऐसे हैं, जिन्होंने पीजी करने के लिए अनुमति तो ली लेकिन पीजी अवधि के बाद भी उपस्थित नहीं हो सके हैे।

Update: 2023-03-15 08:58 GMT
सोनभद्र से लापता हैं 32 डॉक्टर (photo: social media )

Sonbhadra News: देश के 112 और यूपी के आठ आकांक्षी जनपदों में एक सोनभद्र से 32 डाक्टर बगैर किसी सूचना के नदारद हैं। स्वास्थ्य महकमा इन चिकित्सकों को कई बार नोटिस भी भेज चुका है लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है। इसको देखते हुए मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। दिलचस्प मसला यह है कि इस सूची में पांच चिकित्सक ऐसे हैं, जिन्होंने पीजी करने के लिए अनुमति तो ली लेकिन पीजी अवधि के बाद भी वह अपने ड्यूटी स्थल या सीएमओ कार्यालय में अपना योगदान दर्ज कराने के लिए उपस्थित नहीं हो सके हैे। यह तस्वीर है, जब आकांक्षी जनपद के नाम पर जिले में स्वास्थ्य सेवा बेहतर बनाने को लेकर जहां हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं की खराब स्थिति के लिए यहां सीएमओ रहे डा. आरएस ठाकुर को निलंबित किया जा चुका है।

कुछ इस तरह चलता है ड्यूटी से गायब होने का खेल

कई बार ऐसा भी मामला सामने आता है कि ड्यूटी से नदारद चल रहे चिकित्सक महीने में एक-दो बार आकर पूरे महीने का हस्ताक्षर कर ले रहे हैं। स्वास्थ्य महकमे से जुड़े कथित सिंडीकेट के लिए, ऐसे मामलों को मैनेज करने की भी चर्चाएं होती रहती हैं। कई बार यहां ड्यूटीरत चिकित्सकों-चिकित्साधिकारियों को दूसरी जगह प्राइवेट प्रैक्टिस/नर्सिंग होम संचालित करने की भी शिकायतें सामने आती रहती हैं। कुछ वर्ष पूर्व ऐसे ही मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी की तरफ से एफआईआर तक के निर्देश दिए गए थे लेकिन हाईप्रोफाइल दबाव ने स्वास्थ्य महकमे को बैकफुट पर आने के लिए विवश कर दिया। चोपन, नगवां सहित जिले के कई ऐसे स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं जहां बगैर ड्यूटी के ही कथित चिकित्सकों के खाते में वेतन पहुंचने की बातें जब-तब सुर्खियां भी बनती रहती हैं। अब एक साथ 32 डाॅक्टरों के नदारद होने, वह भी एक दो माह नहीं बल्कि छह माह से दो साल से गायब होने का मामला सामने आया है।

स्वास्थ्य महकमे का फरमान ऐसे डाक्टरों के लिए नहीं रखता मायने

एक तरफ जहां जुगाड़ के जरिए ड्यूटी का खेल खेलने का मामला चर्चा में बना रहता है। वहीं 32 ऐसे डाक्टर हैं जिनको विभाग की तरफ से दी जाने वाली नोटिस, सेवा समाप्ति की चेतावनी भी कोई असर नहीं डाल पा रही। अब विभाग की तरफ से ऐसे डाॅक्टरों की, रिपोर्ट कार्रवाई के लिए शासन को भेज दी गई है। प्रभारी सीएमओ डा. आरजी यादव भी 32 डाक्टरों को लंबे समय से ड्यूटी स्थल से गायब होने की बात स्वीकार करते हैं। बताते हैं कि नोटिस भेजने के बाद भी कोई जवाब न मिलता देख, ऐसे सभी 32 चिकित्सकों की सूची कार्रवाई के लिए शासन को भेज दी गई है।

इन-इन चिकित्सकों को बताया जा रहा ड्यूटी स्थल से लापता

सतबहनी में तैनात अभिषेक कुमार, कटौली में तैनात अक्षय कुमार, शाहगंज में अनुपम कुमार सिंह, परसौना में तैनात धनंजय कुमार, चोपन में तैनात धर्मेंद्र कुमार चैरसिया, विंढमगंज में तैनात धर्मेंद्र कुमार मिश्रा, लोहरा में तैनात दिनेश कुमार, केकराही में तैनात दिनेश कुमार चतुर्वेदी, म्योरपुर में तैनात दिनेश कुमार यादव, घोरावल में तैनात गौरव सिंह, बभनी में तैनात ज्ञान प्रकाश वर्मा, जितेंद्र कुमार सिंह, ज्योति सिंह, नगवां में तैनात शिप्रा तिवारी, अमवार में तैनात लक्ष्मी नाथ मिश्रा, भरहरी में तैनात मयूखमणी त्रिपाठी, चोपन में तैनात मीशा पांडेय, चोपन में तैनात मोहम्मद तौसिफ आलम, घोरावल में तैनात नितिन कुमार श्रीवास्तव, बभनी में तैनात पवन कुमार, प्रदीप कुमार सिंह, मधुपुर में तैनात प्रतिमा सिंह, बभनी में तैनात राकेश कुमार मलिक, घोरावल में तैनात रामेश्वर प्रसाद कश्यप, संयुक्त चिकित्सालय अनपरा में तैनात संजय कुमार चैधरी, बकवार में तैनात सतीश कुमार, बरगवां में तैनात संतोष कुमार, घोरावल में तैनात श्रीकांत कश्यप, चोपन में तैनात विद्यानंद त्रिपाठी, घोरावल में तैनात विजय कुमार, ज्वाइनिंग देने के बाद से गायब श्वेता सिंह, सतबहनी में तैनात विवेकानंद के खिलाफ रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

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