Sonbhadra News: डीएम ने लापरवाही पर लगाई फटकार, मांगा जवाब, शिथिलता पर कार्रवाई की ताकीद
Sonbhadra News: इसको लेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट में हुई समीक्षा बैठक के दौरान जहां कई कार्यों की प्रगति धीमी पाई गई। वहीं कार्यों में लापरवाही-शिथिलता की स्थिति डीएम को नाराज करने वाली रही।
Sonbhadra News: मुख्यमंत्री के विकास प्राथमिकता वाले 37 बिंदु आधारित कायों की समीक्षा को लेकर डीएम चंद्रविजय सिंह के तेवर तल्ख बने रहे। इसको लेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट में हुई समीक्षा बैठक के दौरान जहां कई कार्यों की प्रगति धीमी पाई गई। वहीं कार्यों में लापरवाही-शिथिलता की स्थिति डीएम को नाराज करने वाली रही। शिथिलता बरने वाली कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी और संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाने के साथ ही विभिन्न निर्माण खंडों-प्रभागों के चार अधिशासी अभियंता, एक सहायक अभियंता और जिला कृषि अधिकारी को स्पष्टीकरण जारी कर जवाब मांगा।
50 लाख से अधिक लागत वाली परियोजनाओं के निर्माण की भी धीमी गति पाए जाने पर, संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों को फटकार लगाई गई और कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। आगे भी लापरवाही-शिथिलता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
नहरों की सिल्ट सफाई और सड़कों की मरम्मत में लापरवाही
डीएम ने विकास कार्यों, लाभार्थीपरक और जन कल्याणकारी योजनाओं की बारी-बारी से बिन्दुवार समीक्षा की। सिंचाई विभाग की तरफ से नहरों की शिल्ट सफाईं के कार्यों की प्रगति जांची तो पता चला कि कार्य की गति प्रगति अत्यंत धीमी है।
इस पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियन्ता सिंचाई मीरजापुर नहर प्रखंड, अधिशासी अधियंता सिंचाई निर्माण प्रखंड राबर्ट्सगंज और अधिशासी अभियंता बंधी प्रखंड को स्पष्टीकरण जारी करने का निर्देश दिया। हिदायत दी कि नहरों की शिल्ट सफाई के प्रगति में अगर अब भी सुधार नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई की जाएगी।
लोक निर्माण विभाग और सड़कों की मरम्मत तथा निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा में निर्माण खंड दो के सड़कों के निर्माण कार्यों की प्रगति काफी धीमी मिली। इसके लिए अधिशासी अभियन्ता निर्माण खंड दो से स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए गए।
परियोजनाओं के निर्माण में बरती जा रही उदासीनता
निर्माणाधीन 50 लाख से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं के निर्माण कार्यों के प्रगति की समीक्षा के दौरान डीएम ने पाया कि यूपी सिडको, राजकीय निर्माण निगम तथा निर्माण कायों के लिए अन्य नामित एजेंसियों की तरफ से कराए जा रहे कार्यों की प्रगति धीमी है।
इस पर भी डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई। संबंधित निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए हिदायत दी कि वह संबंधित ठेकेदार से समन्वय स्थापित करते हुए, निर्माण कार्यों में तेजी लाएं अन्यथा संबंधित अधिकारी और ठेकेदार के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
यूपी सिडको की तरफ से कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा में जानकारी सामने आई कि नवीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय लोढ़ी राबर्ट्सगंज और राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय उम्भा घोरावल के निर्माण कार्यों को लेकर भी उदासीनता बरती जा रही है। इस पर डीएम ने एई सिडको को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए।
जिला कृषि अधिकारी ने नहीं किया निर्माण कार्यों का सत्यापन
जिले में यूरिया, डीएपी की उपलब्धता और वितरण की समीक्षा के दौरान डीएम ने उप निदेशक कृषि और एआर को-आपरेटिव को निर्देशित किया कि निर्धारित मूल्य से अधिक दाम में खाद बेचने वाले और काला बाजारी करने वालों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई करें। निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर खाद की बिक्री न होने पाए, इसका विशेष ध्यान रखें।
इस दौरान डीएम ने निर्माण कार्यों के सत्यापन की प्रगति जांची तो पता चला कि आरईडी विभाग द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों का सत्यापन जिला कृषि अधिकारी द्वारा अब तक नहीं किया गया है, इसके चलते निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है। इस पर जिला कृषि अधिकारी को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए गए।
म्योरपुर में नया एनआरसी सेंटर, मुख्यालय-दुद्धी में बढ़ेगा बेड
आयुष्मान कार्ड, हेल्थ व वेलनेशन सेंटर के निर्माण कार्य और एनआरसी सेन्टर के संचालन के भी प्रगति की डीएम ने समीक्षा की। सीएमओ डा. आरएस ठाकुर को निर्देशित किया कि जिला संयुक्त चिकित्सालय में एनआरसी सेंटर के बेडों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20, सीएचसी दुद्धी में 6 से बढ़ाकर 10 करने के साथ ही सीएचसी म्योरपुर में 10 बेड का एनआरसी सेंटर संचालन शुरू करने के निर्देश दिए।
कहा कि यहां अति कुपोशित बच्चों को लाकर लाकर भर्ती कराया जाए ताकि वह शीघ्र कुपोषण से मुक्त हो सकें। जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी इसको लेकर जरूरी निर्देश दिए। कहा कि इसमें किसी भी स्तर पर शिथिलता और लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। सीएमओ को यह भी निर्देश दिया कि सरकारी अस्पतालों में ही सीजेरियन प्रसव कराया जाए। अनावश्यक रूप से प्राईवेट अस्पतालों में जाने की सलाह न दी जाए।
विद्यालयों में जाकर निर्माण कार्य से जुड़े अभिभावकों का करें पंजीयनः डीएम
श्रमिक पंजीयन से जुड़े अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह जिला विद्यालय निरीक्षक से समन्वय स्थापित कर विद्यालयों में जाएं और वहां कैंप लगाकर, उन छात्र-छात्राओं के अभिभावकों जो वेल्डिंग, श्रम, खुमचा, ठेला, लोहार, राजमिस्त्री सहित अन्य श्रम से जुड़े कार्य करते हैं, का श्रमिक पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें।
मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार, जिला विकास अधिकारी शेषनाथ चैहान, एके गुप्ता उप निदेशक कृषि, जिला पूर्ति अधिकारी गौरी शंकर शुक्ला, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी ओम प्रकाश यादव, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।