Sonbhadra News: NTPC की पहल, देश के सबसे बड़े बिजलीघर में स्थापित होगा कार्बन कैप्चर प्लांट

Sonbhadra News: देश के सबसे बड़े बिजलीघर एनटीपीसी विंध्याचल की एक नई और पूरे विश्व में अपनी तरह की पहली पहल सामने आई है।

Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-03-09 16:52 GMT

 देश के सबसे बड़े बिजलीघर में स्थापित होगा कार्बन कैप्चर प्लांट। 

Sonbhadra News: देश के तीसरे सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र का दर्जा रखने वाले सोनभद्र-सिंगरौली की सीमावर्ती एरिया में प्रदूषण की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे अभियान की कड़ी में देश के सबसे बड़े बिजलीघर एनटीपीसी विंध्याचल की एक नई और पूरे विश्व में अपनी तरह की पहली पहल सामने आई है। इस संयंत्र से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड को वायुमंडल में न जाने देने के लिए कार्बन कैप्चर प्लांट (Carbon Capture Plant) स्थापित करने का मसौदा तैयार किया गया है।

ऐसे काम करेगा यह प्लांट

यह प्लांट एनटीपीसी की विंध्याचल परियोजना (Vindhyachal Project of NTPC) में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित किया जाएगा। उसके जरिए परियोजना से बिजली उत्पादन के दौरान उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड को हाईड्रोजन से मिलाकर मिथेनॉल बनाया जाएगा, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी और वायुमंडल में भी उत्सर्जित होने वाली कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में कमी देखने को मिलेगी। वहीं अतिरिक्त उत्पादन के रूप में मिथेनॉल का प्रयोग, उपयोगिता के आधार पर किया जाएगा। बता दें कि विंध्याचल परियोजना देश की सर्वाधिक उत्पादन क्षमता रखने वाली बिजली परियोजना है। यहां कोयला, सोलर और हाइड्रो प्लांट के माध्यम से कुल 4783 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। बेहतर उत्पादन के मामले में भी इस बिजलीघर का अलग स्थान है।


2023 तक प्लांट स्थापित करने का रखा गया है लक्ष्य

विंध्याचल परियोजना (Vindhyachal Project of NTPC) के प्रमुख सुभाषचंद्र नायक (Chief Subhash Chandra Nayak) ने भी एनटीपीसी विंध्याचल (Vindhyachal Project of NTPC) में कार्बन कैप्चर प्लांट (Carbon Capture Plant) को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू होने की पुष्टि की है।

प्रैस को जारी बयान में बताया गया है कि एनटीपीसी विंध्याचल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित हो रहा यह कार्बन कैप्चर प्लांट (Carbon Capture Plant) भारत ही नहीं, विश्व में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जिसे 2023 तक स्थापित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि औद्योगिक क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के लिए कार्बन उत्सर्जन को अहम कारक माना जाता है। ऐसे में एनटीपीसी की तरफ से शुरू की गई यह पहल आगे चलकर पूरे विश्व के लिए एक नजीर बन सकती है।

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