Sonbhadra: शहीद जवान के पेट तक में प्लांट कर दिए गए थे बम, सीआरपीएफ जवानों पर हुए अटैक में शामिल नक्सली पकड़ा गया,

Sonbhadra News Today: बता दें कि इस हमले में जहां सुरक्षाकर्मियों को बारूदी सुरंगों के जाल में उलझाकर गोली मारी गई थी। वहीं कुछ सुरक्षाकर्मियों के शरीर पर मरने से पहले ही विस्फोटक बांधकर उन्हें उड़ा दिया गया।

Update: 2023-02-08 12:41 GMT

Sonbhadra Latehar CRPF jawans attack

Sonbhadra: चोपन थाना क्षेत्र के बग्घानाला में हुए मुठभेड़ के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़े नक्सली सुशील उर्फ गुरू उर्फ खतरे को लेकर बड़ा खुलासा सामनें आया है। पूछताछ और आपराधिक रिकर्ड की छानबीन के दौरान जो जानकारियां पुलिस के हाथ लगी हैं, उसके मुताबिक वर्ष 2012-13 में लातेहार जिले के जंगल में बारूदी घात लगाकर सीआरपीएफ जवानों के दस्ते पर किए गए अटैक में सुशील सक्रिय रूप से शामिल था। इस अटैक के बाद, शहीद हुए एक जवान का पेट चीर कर उसमें बम तक प्लांट कर दिया था। पीएम के दौरान जब, यह बात डाॅक्टरों के संज्ञान में आई तो झारखंड की राजधानी रांची तक में अफरातफरी की स्थिति बन गई थी।

पूरा मामला

बताते हैं कि सुशील वर्ष 2005 से ही प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी से जुड़कर नक्सली गतिविधियों को अंजाम देने में जुट गया था। पहली बार उसकी संलिप्तता वर्ष 2006 में लातेहार के बरवाडीह थाना क्षेत्र में सामने आई थी। हत्या, हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में उसके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था। इसके बाद वर्ष 2010 में हत्या के प्रयास, हत्या आदि के दो मामलों में सुशील की प्रमुखता से संलिप्तता सामने आई। वर्ष 2012 और वर्ष 2013 में जिस तरह से उसने नक्सली गतिविधियों को अंजाम दिया, उसने उसे झारखंड के मोस्टवांटेड नक्सलियों में शुमार कर दिया। वर्ष 2013 में लातेहार के जंगल में अमुआटीकर गांव के पास सुरक्षाबलों के साथ हुई नक्सलियों से सीधी मुठभेड़ में भी उसका नाम प्रमुखता से सामने आया।

बता दें कि इस हमले में जहां सुरक्षाकर्मियों को बारूदी सुरंगों के जाल में उलझाकर गोली मारी गई थी। वहीं कुछ सुरक्षाकर्मियों के शरीर पर मरने से पहले ही विस्फोटक बांधकर उन्हें उड़ा दिया गया। एक जवान के पेट को चीरकर उसमें बम तक बांध दिया गया था। जवानों का शव जब पीएम के लिए झारखंड की राजधानी रांची पहुंचा तो वहां सामने इस खुलासे ने, राजधानी क्षेत्र में हडकंप की स्थिति पैदा कर दी थी। हालांकि तत्काल बम निरोधक दस्ते को बुलाकर, बम निष्क्रिय करा दिया गया था।

संगठन खड़ा कर घटनाओं को देता था अंजाम

इस घटना के कुछ साल बाद सुशील ने अलग राह पकड ली और अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर भारतीय पब्लिक कम्युनिस्ट पार्टी नामक एक अलग संगठन खड़ा कर लिया और इसके लिए आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा। वर्ष 2022 में पलामू जिले के पंाडू से फिरौती के लिए क्रशर व्यवसायी का अपहरण, इससे पहले 2021 में यूपी की विंढमगंज सीमा से महज तीन से चार किमी दूर, झारखंड के गढ़वा जिले में खुटिया नामक स्थान पर भी सुशील और उसके साथियों ने जमकर उत्पात मचाया था।

बताते हैं कि लेवी न मिलने से खफा होकर सुशील गिरोह ने दिनदहाड़े, सड़क निर्माण कराने वाली कंपनी पर धावा बोलकर उत्पात तो मचाया ही था, यहां से एक इंजीनियर का भी अपहरण कर, हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी थी। इसी तरह कई और बड़ी घटनाओं में उसकी संलिप्तता बताई जा रही है। उधर, एसपी डा. यशवीर सिंह भी सुशील का झारखंड में एक अच्छा-खासा आपराधिक रिकार्ड होने और उसका नक्सली कनेक्शन होने की पुष्टि करते हैं। बताते हैं कि सुशील झारखंड का एक हार्डकोर अपराधी है। नक्सली गतिविधियों के साथ ही कई बड़ी आपराधिक घटनाओं में उसकी संलिप्तता रही है। उसका साथी दिलीप भी उसके साथ आपराधिक गतिविधियों भी शामिल पाया गया है। फिलहाल दोनों को पूछताछ के बाद पुलिस की तरफ से जेल भेजा जा चुका है। वहीं, यूपी में उनकी मौजूदगी और उनके द्वारा बनाए गए नेटवर्क की छानबीन में पुलिस के साथ ही राज्य और केंद्रीय एजेंसियां जुटी हुई हैं।

Tags:    

Similar News