Sonbhadra: फर्जी बैंक रसीद के जरिए हड़पा 44 लाख रूपया, 186 खाताधारकों को लगाया चूना, दोषी को कैद

Sonbhadra News: ग्राहक सेवा केंद्र के जरिए खाताधारकों को 44 लाख का चूना लगाने वाले बैंक मित्र को 5 वर्ष 5 माह कैद की सजा सुनाई गई है। न्यायालय एसीजेएम/सीजेएसडी की अदालत में मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई।

Update: 2024-02-13 15:59 GMT

Sonbhadra News (Pic:Newstrack)

Sonbhadra News: इलाहाबाद बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र के जरिए खाताधारकों को 44 लाख का चूना लगाने वाले बैंक मित्र को 5 वर्ष 5 माह कैद की सजा सुनाई गई है। न्यायालय एसीजेएम/सीजेएसडी की अदालत में मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई। अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए, दोषी दीपू सिंह पुत्र रामलखन सिंह निवासी ओड़ौली, थाना राबर्ट्सगंज को उपरोक्त सजा सुनाई गई। दोषी पर 2 लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है जिसे अदा न करने पर 2 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।

ईनम स्थित ग्राहक सेवा केंद्र पर हड़पी गई थी खाताधारकों की रकम 

अभियोजन कथानक के मुताबिक ग्राहक सेवा केंद्र, ईनम (संबंधित बैंक- इलाहाबाद बैंक, शाखा दूरावल खुर्द) में दीपू सिंह बैंक मित्र का काम करता था। इसके सर्विस प्रोवाइडर का काम CSCE GOVERNANCE SERVICES INDIA LTD. की तरफ से देखा जा रहा था। कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव पंकज मिश्रा ने 4 सितंबर 2018 को शाहगंज थाने पहुंचकर एक तहरीर दी। जिसके जरिए पुलिस को अवगत कराया कि दीपू सिंह बैंक का कार्य करते हुए, ग्राहक द्वारा दिए पैसों को बैंक में जमा करने की जगह खुद रख लेता था और फर्जी मुहर लगाकर खाता धारकों को फर्जी रसीद थमा देता था। पासबुक में अपने हाथ से प्रविष्टियां करता था लेकिन ग्राहको से ली हुई राशि ग्राहक के खाते में जमा नही करता था।

सर्विस प्रोवाइडर फर्म ने कराई मामले की जांच तब..  

शिकायत पर मामले की जांच की गई तो कुल 186 खाताधारकों के खाते में 44 लाख की हेरा फेरी सामने आई। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मामले में थाना शाहगंज पर धारा 409, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना की गई थी और पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने पर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया था जहां परीक्षित कराए गए बयानों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाए गए दीपू सिंह को 5 वर्ष 5 माह के कारावास की सजा के साथ ही दो लाख अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

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