Sonbhadra News: जंगल में बकरी चराने गई महिला से किया था दुष्कर्म, मिली 10 वर्ष की कैद, तेजी से हुई मामले की सुनवाई, दो वर्ष में आया फैसला
Sonbhadra News: जंगल में बकरी चराने के लिए गई महिला को अकेला पाकर, उसके साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले में दोषी को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। मामला घोरावल कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। दोषी पर 20 हजार अर्थदंड भी लगाया गया है।
Sonbhadra News: जंगल में बकरी चराने के लिए गई महिला को अकेला पाकर, उसके साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले में दोषी को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। मामला घोरावल कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। दोषी पर 20 हजार अर्थदंड भी लगाया गया है। इसकी अदायगी न करने की दशा में एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया गया है।
एडीजे (एफटीसी) कोर्ट ने सुनाया फैसला
सवा दो वर्ष पुराने इस मामले की अपर सत्र न्यायाधीश/ एफटीसी/सीएडब्ल्यू परितोष श्रेष्ठ की अदालत में शनिवार को फाइनल सुनवाई की गई थी। अभियेाजन और आरोपी दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया। इसके बाद दुष्कर्म की घटना के लिए दोषी भरत बैसवार को 10 वर्ष की कैद के अलावा 20 हजार रूपये अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई। इस सजा में मामले के विचारण के दौरान दोषी ने जेल में जो अवधि व्यतीत की होगी, उसे भी समाहित किया जाएगा।
यह था पूरा मामला
अभियोजन कथानक के मुताबिक घोरावल थाना क्षेत्र के परसौना के जंगल में 19 अक्टूबर 2021 को बकरी चराने के लिए गई एक महिला के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। घोरावल क्षेत्र के ही एक गांव की रहने वाली पीड़िता की तरफ से मामले को लेकर तहरीर 20 अक्टूबर 2021 को घोरावल पुलिस को सौंपी गई थी। बताया गया कि वह 19 अक्टूबर को दोपहर परसौना के जंगल में बकरी चराने के लिए गई हुई थी। उसी दौरान वहांघोरावल थाना क्षेत्र के घुवास गांव का रहने वाला भरत बैसवार पहुंच गया। वहां उसे अकेला पाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। विरोध करती रही लेकिन वह नहीं माना। घर लौटने के बाद अपने पति को आपबीती के बारे में जानकारी दी। इसके बाद अगले दिन थाने पहुंचकर पुलिस को घटना से अवगत कराया।
विवेचना के दौरान पुलिस ने किया पर्याप्त सबूत मिलने का दावा
पीड़िता की ओर से दी गई तहरीर पर पुलिस ने दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ ही, विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गई। वहां, पीड़िता, गवाहों का बयान परीक्षित कराने के साथ ही, अधिवक्ताओं की दलीलें सुनी गई और इसके आधार पर दोषसिद्ध का निर्णय देते हुए, अदालत की तरफ से दोषी के लिए कारावास और अर्थदंड की सजा मुकर्रर की गई। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने मामले की पैरवी की।