Sonbhadra: हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट पर ताबड़तोड़ छापेमारी, 20 जगहों पर कार्रवाई, मॉल में मिली प्रतिबंधित सामग्री
Sonbhadra News: खाद्य विभाग की टीम को ओबरा के रिलायंस प्वाइंट पर हलाल सर्टिफाइड उत्पाद बिक्री के लिए रखे मिले। उन प्रोडक्ट्स को जब्त किया गया। साथ ही, जांच के लिए पांच सैंपल भी उठाए गए हैं, जिन्हें प्रयोगशाला भेजा जाएगा।
Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स बिक्री पर बैन के बाद मंगलवार (21 नवंबर) को सोनभद्र में भी ताबड़तोड़ छापेमारी हुई। राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग की तरफ से बीते दो दिनों से छापेमारी जारी है। खाद्य विभाग की टीम ने अब तक 20 जगहों पर छापेमारी की, जिससे हड़कंप की स्थिति रही। ओबरा में एक बड़े मॉल में हलाल सर्टिफाइट उत्पादों की बिक्री होती पाई गई। इस दौरान रिलायंस का स्मार्ट प्वाइंट में हलाल सर्टिफाइड उत्पाद पाए गए। जिसके बाद संबंधित उत्पादों को जब्त करने के साथ ही, जांच के लिए 5 सैंपल उठाए गए। उन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है।
सहायक उपायुक्त खाद्य सुशील सिंह की अगुवाई वाली टीम ने सोमवार को विभिन्न जगहों पर छापेमारी की थी। ये क्रम दूसरे दिन भी जारी रहा। ओबरा स्थित रिलायंस स्मार्ट प्वाइंट पर पहुंची टीम को देखते ही हड़कंप मच गया। यहां शाम 5 बजे तक छापेमारी की कार्रवाई चली। हलाल सर्टिफाइड उत्पाद की बिक्री होती पाई गई। हलाल सर्टिफाइड उत्पाद को जब्त कर लिया गया है। वहीं, जांच के लिए पांच सैंपल उठाए गए।
दो दिनों में 20 स्थानों पर छापेमारी
सहायक उपायुक्त सुशील सिंह ने फोन पर बताया कि, 'उनकी टीम ने दो दिनों में पूरे जिले में 20 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान ओबरा के रिलायंस प्वाइंट पर हलाल सर्टिफाइड उत्पाद बिक्री के लिए रखे मिले। उन प्रोडक्ट्स को जब्त किया गया। साथ ही, जांच के लिए पांच सैंपल भी उठाए गए हैं, जिन्हें प्रयोगशाला भेजा जाएगा। सिंह ने बताया कि, राज्य सरकार ने हलाल सर्टिफाइड उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है। छापेमारी अभियान आगे भी जारी रहेगा।
हजरतगंज थाने में FIR
आपको बताते चलें कि, गत शनिवार को हलाल सर्टिफाइड उत्पादों का प्रमाणपत्र जारी करने के नाम पर बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की शिकायत राजधानी के हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। प्रकरण संज्ञान में आने के बाद, रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने तत्काल प्रभाव से हलाल सर्टिफाइड उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।