Sonbhadra News: यूपी-बिहार सीमा पर तस्करी मामले में दखल दे सकती है CBI, बिहार से सटे हैं यूपी के सात जिले

Sonbhadra News: यूपी का सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, महाराजगंज और कुशीनगर ऐसा जिला है जिसकी सीमा बिहार से लगी है। बिहार में शराब पर प्रतिबंध होने के कारण, शराब तस्करी के लिहाज से जहां इन जिलों की सीमाएं संवेदनशील हैं।

Update:2024-10-06 19:45 IST

Sonbhadra News (Pic- Social Media)

Sonbhadra News: चंदौली सांसद की तरफ से, संसद में उठाए गए मसले को दृष्टिगत रखते हुए, संसदीय कार्य मंत्रालय की तरफ से यूपी-बिहार सीमा पर होने वाली गतिविधियों की जांच के लिए, संबंधित मामले पर, आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय को भेजा गया है। माना जा रहा है अगर, इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए सीबीआई ने दखल दिया तो कई बड़े चेहरे और नाम सामने आ सकते हैं।

यूपी के सात जनपदों से सटी है बिहार की सीमा

बताते चलें कि यूपी का सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, महाराजगंज और कुशीनगर (पड़रौना) ऐसा जिला है जिसकी सीमा बिहार से लगी है। बिहार में शराब पर प्रतिबंध होने के कारण, शराब तस्करी के लिहाज से जहां इन जिलों की सीमाएं संवेदनशील हैं। वहीं, बिहार की तरफ से दूसरे मादक पदार्थों की तस्करी के लिहाज से भी इन सीमाओं को संवेदनशील माना जाता है। गोवंश और पशु तस्करी के मामले में भी यहां की परिस्थितियां संजीदा मानी जाती हैं। ऐसे में चदौली सांसद की तरफ से सदन में उठाए गए मसले, उपलब्ध कराए गए पत्र और उस पर संसदीय कार्य मंत्रालय की तरफ से लिए गए एक्शन के बाद यह माना जा रहा है कि आगे चलकर किसी भी वक्त, तस्करों के सिंडीकेट को बेनकाब करने के लिए सीबीआई की सक्रियता दिखाई दे सकती है।


यह है प्रकरण और इस पर लिया गया संज्ञान

बताते हैं कि चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह की तरफ से पिछले दिनों यूपी-बिहार सीमा पर होन वाली तस्करी, खासकर शराब तस्करी की तरफ सदन का ध्यान आकृष्ट कराया गया था और इसको लेकर एक पत्र भी सदन को उपलब्ध कराया गया था। उसके क्रम में संसदीय कार्य मंत्रालय के अवर सचिव की तरफ से कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि संसद सदस्य लोकसभा वीरेंद्र सिंह की तरफ से सदन को बिहार-उत्तर प्रदेश के बार्डर से हो रहे तस्करी को रोकने के लिए सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए पत्र प्राप्त कराया गया है। उसके क्रम में पत्र. की एक प्रति आवश्यक कार्रवाई के लिए कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को अग्रेेसित करने का निर्देश हुआ है। वहीं, अपर सचिव डा. सत्यप्रकाश की तरफ से सांसद को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि प्रकरण में उचित कार्रवाई के लिए उनका पत्र संबंधित विभाग को प्रेषित कर दिया गया है।

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