Sonbhadra: नहीं दुरुस्त हो पाईं हाईवे ओवरब्रिज की दरारें, DM ने लगाई फटकार- 'हादसा होने पर दर्ज हो जाएगी FIR'
Sonbhadra News: यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के लिए 'लाइफलाइन' का दर्जा रखने वाले वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग के बग्घानाला स्थित रेलवे ओवरब्रिज पर पड़ी दरारें 150 दिन बाद भी दुरुस्त नहीं हो पायी। इसी को लेकर डीएम ने संबंधित को फटकार लगाई।
Sonbhadra News: यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के लिए 'लाइफलाइन' का दर्जा रखने वाले वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग (Varanasi-Shaktinagar route) के बग्घानाला स्थित रेलवे ओवरब्रिज पर पड़ी दरारें 150 दिन बाद भी दुरुस्त नहीं हो पायी। जिले के डीएम चंद्रविजय सिंह (DM Chandravijay Singh) शुकवार (03 नवंबर) को कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने कार्य की धीमी रफ़्तार पर नाराजगी जाहिर की। संबंधितों को फटकार लगाई।
वहीं, ढाई महीने का अतिरिक्त समय मांगे जाने पर डीएम ने एतराज जताया। जल्द से जल्द कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। रेलवे ओवरब्रिज पर दरार की वजह से पत्थर खदान वाले क्षेत्र से होकर गुजरने के लिए बाध्य लोगों के साथ हादसा होने की स्थिति में संबंधितों के खिलाफ एफआईआर की भी चेतावनी दी।
आवागमन में दिक्कत, क्रशर व्यवसायियों को हो रहा नुकसान
ओवरब्रिज में दरार के चलते डाला से सीधे बग्घानाला पहुंचने वाले वाहनों को दूसरे एरिया से गुजारने के कारण, डाला से बग्घालानाला तक की एरिया से जुड़े क्रशर व्यवसायियों और खदान संचालकों दोनों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। बताते हैं कि इसको लेकर व्यवसायियों ने डीएम से मिलकर गुहार लगाई थी। इसके क्रम में डीएम जब मौके पर पहुंचे तो वह कार्य की काफी धीमी गति देख वह भी दंग रह गए। कार्य पूरा होने में अभी भी ढाई माह का वक्त लगने की बात कहने पर जहां संबंधितों को जमकर फटकार लगाई। वहीं, धनबाद मंडल रेलवे कंस्ट्रक्शन के डिप्टी चीफ इंजीनियर शशि कुमार और असिस्टेंट इंजीनियर संजय कुमार को तलब कर कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।
DM ने पूछा- 45 दिन में क्यों नहीं पूरा हो सकता काम?
डीएम ने जब ढाई माह में पूरा किए जाने को डेढ़ माह में क्यूं नहीं किया जा सकता, मैन पावर बढाने में दिक्कत क्या है? का जवाब मांगा तो मौजूद अफसर बगले झांकने लगे। डीएम ने स्पष्ट हिदायत दी कि परिवर्तित मार्ग से वाहनों का आवागमन मजबूरी में कराया जा रहा है। खदान के रास्ते होकर जाने वाले वाहनों से या वाहनों, वाहनों में सवार यात्रियों के अगर कोई घटना घटती है तो इसके लिए संबंधित जिम्मेदारों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसलिए, जितना जल्दी हो सके, ओवरब्रिज का कार्य पूर्ण कर सुचारू कराया जाए। रूप से चालू किए जाने का निर्देश दिया।
टोल टैक्स वसूली के 7 साल बाद भी निर्माण अधूरा
जिला मुख्यालय पर अलबेले अंदाज में निर्मित फ्लाईओवर को लेकर चर्चित रहने वाला 1100 करोड़ की लागत से निर्मित हाइवे, कार्यों की गुणवत्ता का मसला अब भी चर्चा में है। बग्घानाला में जहां रेलवे ओवरब्रिज का एक तरफ का निर्माण, टोल टैक्स वसूली शुरू होने के सात साल बाद भी अधूरा है। वहीं, 20 साल के देखरेख के एवज में टोल टैक्स वसूली का कांट्रैक्ट के बावजूद, दूसरी तरफ के ओवरब्रिज में निर्माण पूर्ण होने के महज तीन साल बाद ही दरारें पड़ गई।
इंजीनियरों की काबिलियत पर उठ रहे सवाल
उपसा के निर्माण और रेलवे के, इस कार्य से संबंधित इंजीनियरों के काबिलियत की पोल खोल कर रख देने वाले, ओवरब्रिज की दरारों को डायवर्जन के समय 15 से 30 दिन के भीतर दुरूस्त कर लेने का दावा भी किया गया। बावजूद 150 दिन गुजर गए और अभी भी 75 दिन की मोहलत मांगी जा रही है। अब तक के जो हालात सामने आए हैं, उसको देखते हुए, कार्य 75 दिन में भी पूरा कर दिया पाएगा? चर्चा बनी हुई है।
निरीक्षण के दौरान ये रहे मौजूद
इस दौरान सहायक अभियंता ब्रिज चंद्रभान सिंह, एसडीएम ओबरा पीएल मौर्या, चोपन नगर पंचायत अध्यक्ष उस्मान अली, डीसी मनरेगा रमेश कुमार यादव, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह, जिलाधिकारी ओएसडी रामआधार, भाजपा मंडल अध्यक्ष चोपन सुनिल सिंह, खनन व्यवसायी अंकुश मित्तल, ध्यान सिंह, सुनील बंसल, राकेश गर्ग, सहित अन्य मौजूद रहे।