Sonbhadra News: दुद्धी को जिला बनाने की उठी मांग, भाजपा के लिए परीक्षा
Sonbhadra News: भाजपा की तरफ से ही जहां वर्ष 2014 व 2019 के लोकसभा और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में, इस मसले को मजबूती से उठाया गया था।;
Sonbhadra News: दुद्धी विधानसभा उपचुनाव में प्रमुख दलों की तरफ से उम्मीदवारी की तस्वीर साफ होने और नामांकन का दौर शुरू होने के बाद एक दूसरे को शह-मात देने के लिए सियासी बाजी बिछाई जाने लगी है। भाजपा की तरफ से जहां वर्ष 2014 व 2019 के लोकसभा और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में, इस मसले को मजबूती से उठाया गया था। वहीं, केंद्र और प्रदेश दोनों जगह सत्तापक्ष की सरकार होने के बावजूद, दुद्धी जिले का मसला महज जुमला बनकर रह बन जाने के कारण, एक बार फिर से यह मुद्दा सियासी गर्माहट का कारण बनने लगा है। इस बार सपा की तरफ से इस मसले को मजबूती से उठाने और इसको लेकर सत्तापक्ष को घेरने की रणनीति बनाई जाने लगी है। साथ ही इस मसले को लेकर सोशल वीडिया वार शुरू हो गया है।
मुलायम सिंह यादव ने डाली मुद्दे की नींव
दुद्धी को अलग जिला बनाने की मांग वर्ष 1994 के बाद जोर पकड़ी थी। जुलाई 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रेणुकूट में आयोजित जनसभा में सोनभद्र का जिला मुख्यालय पिपरी में बनाने की घोषणा कर अचानक से जिले का माहौल गरमाकर रख दिया था। बाद में सीएम बनीं मायावती ने स्थाई तौर पर राबटर्सगंज को जिला मुख्यालय घोषित किया था। इसके बाद, पिपरी, अंचल खासकर दुद्धी तहसील मुख्यालय के लोगों ने अलग जिला की मांग शुरू कर दी था। उनका तर्क है कि भदोही जैसे छोटे जनपद को अलग जनपद का दर्जा दिया जा सकता है तो दुद्धी को क्यों नहीं, इसको लेकर सोन नदी को सीमा रेखा बनाते हुए, दुद्धी को अलग जिले का दर्जा देने की लगातार मांग उठाई जा रही है। दुद्धी में अधिवक्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक वर्ष प्रत्येक शनिवार को, दुद्धी जिले की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए, मुद्दे को जीवंत किए हुए हैं।
कई दिग्गजों ने दिया भरोसा
दुद्धी को अलग जिले का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे लोगों का कहना है कि मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सहित भाजपा के कई दिग्गजों ने दुद्धी तहसील क्षेत्र में चुनावी जनसभा संबोधित करते, दुद्धी को अलग जिले का दर्जा देने का भरोसा दिया था। स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर मजबूती से आवाज उठानेे की हामी भरी थी लेकिन अब तक वायदा सिर्फ वायदा बना हुआ है। वहीं, सपा के लोगों का कहना है कि वर्ष 2016-17 में दुद्धी को जिले का दर्जा दिए जाने को लेकर प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार की तरफ से पहल भी आगे बढ़ाई गई थी। लेकिन सरकार बदलते ही पहल ठंडे बस्ते में चली गई। वहीं, सत्तापक्ष के लोग अभी भी लोगों को दुद्धी को जिले का दर्जा दिलाने का भरोसा देने में लगे हुए हैं। इसको लेकर कुछ तकनीकी दिक्कत आने की बात कही जा रही है। फिलहाल यह मसला, चुनावी समर में कितना कारगर साबित होगा यह तो चुनावी परिणाम बताएगा, फिलहाल सपा की तरफ से इसको लेकर सोशल मीडिया वार शुरू हो गया है।