Sonbhadra News: अलाव-कंबल पर बढ़ी निगरानी तो आंकड़े दिखने लगे शून्य, तीन तहसीलों से 35 तो दुद्धी से अब तक एक भी अलाव की नहीं मिली सूचना
Sonbhadra News:आदिवासी बहुल दुद्धी तहसील से उपलब्ध कराए जाने अलाव का आंकड़ा बृहस्पतिवार तक शून्य बना हुआ है। नगर निकायों की तरफ से भी आपदा राहत विभाग को अलाव से जुड़ा कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
Sonbhadra News: सुबह के वक्त पारा सामान्य तापमान से काफी नीचे जाने की स्थिति को देखते हुए जहां जिला प्रशासन की तरफ से ग्रामीण और नगरीय निकायों में अलाव, जरूरतमंदों को कंबल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, जियो टैगिंग के साथ शुरू हुई निगरानी का परिणाम यह है कि अभी तक तहसीलों के जरिए ग्राम पंचायतों में जलाए जाने वाले अलाव का आंकड़ा महज 35 पहुंच पाया है। आदिवासी बहुल दुद्धी तहसील से उपलब्ध कराए जाने अलाव का आंकड़ा बृहस्पतिवार तक शून्य बना हुआ है। नगर निकायों की तरफ से भी आपदा राहत विभाग को अलाव से जुड़ा कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
बताते चलें कि अलाव-कंबल वितरण में गड़बड़ी-लापरवाही की शिकायतों पर लगाम लगाने के लिए इस बार मोबाइल ऐप आपदा प्रहरी के जरिए जियो टैगिंग निगरानी की व्यवस्था बनाई गई है। प्रत्येक अलाव स्थल का प्रत्येक दिवस की लांगीट्यूट और लैटीट्यूट युक्त तस्वीरें अपलोड की जाएंगी। संबंधित स्थल के अतिरिक्त किन्हीं अन्य स्थल का फोटोग्राफ्स मान्य नहीं होगी। इसको देखते हुए, जहां जिला प्रशासन की तरफ से इस निगरानी व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, तहसीलों के जरिए जलाए जाने वाला अलाव का आंकड़ा दिसंबर में जहां 150 के करीब पहुंच जाता है। वह, अब तक यानी 19 दिसंबर तक महज 35 तक पहुंच पाया है।
निर्देश के सप्ताह भर बाद भी निगरानी सूचना में हीलाहवाली
उसमें भी दुद्धी तहसील से आपदा प्रबंधन कार्यालय को उपलब्ध कराए जाने वाली सूचना का आंकड़ा शून्य है। राबटर्सगंज तहसील से 12, घोरावल तहसील से 15 और ओबरा तहसील से आठ स्थानों पर अलाव जलवाने की सूचना दी गई है। वहीं, नगर निकायों से भी अभी कोई सूचना नहीं पहुंची है। जबकि इसको लेकर गत 12 दिसंबर को ही एडीएम की तरफ से निर्देश जारी हो चुके हैं। साथ ही प्रत्येक तहसील के तहसीलदार के खाते में अलाव के लिए 50-50 हजार की रकम उपलब्ध कराई जा चुकी है।
4300 कंबल की भी की गई खरीदारी
गरीबों-असहायों को शीतलहर से बचाव के लिए 4301 कंबलों की खरीदारी सुनिश्चित की गई है। इसमें राबटर्सगंज तहसील के लिए 1351, दुद्धी तहसील के लिए 1050, घोरावल तहसील के लिए 1050 और ओबरा तहसील के लिए 850 कंबल उपलब्ध कराए गए हैं। इन कंबलों को जरूरतमंदों के साथ ही, रैन बसेरे के लिए उपलब्ध कराया जाना है। तहसील सहित अन्य संबंधितों को कंबल प्राप्त कर, उसे जरूरतमंदों में वितरण के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। अलाव की तरह, इसकी भी जियो टैगिंग निगरानी/तस्वीरें अपलोड करने के लिए कहा गया है।
लापरवाही को लेकर तलब की जा रही रिपोर्ट
जिला आपदा प्रबंधक पवन कुमार शुक्ला ने बताया कि एडीएम स्तर से सभी संबंधितों को जरूरी निर्देश 12 दिसंबर को ही जारी किए गए हैं। बावजूद निर्देशों के पालन में जिनके स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है, उनसे एडीएम स्तर से स्पष्टीकरण तलब करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। दुद्धी तहसील से अलाव का आंकड़ा अब तक शून्य होने के सवाल पर कहा कि इसके लेकर भी एडीएम स्तर से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ ही, कड़े निर्देश जारी किए जा रहे हैं।