Sonbhadra News: प्रधानमंत्री आवास ढहा कर उठा ले गए थे सामान, चार सगे भाइयों सहित आठ पर दर्ज की जाएगी एफआईआर

Sonbhadra Crime News: घोरावल कोतवाली क्षेत्र के कड़िया गांव निवासी रामसिंह गोंड़ का आरोप है कि श्रीराम, उनके पुत्र मोदी, राजकुमार, बृजेश, राजेश और दो-तीन अज्ञात व्यक्तियों द्वारा 11 नवंबर 2024 को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने आवास को ढहा दिया गया।;

Update:2025-01-07 17:46 IST

Sonbhadra News ( Newstrack )

Sonbhadra News in Hindi: घोरावल कोतवाली क्षेत्र के कड़िया गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना से निर्मित आवास ढहाने और घर में रखा गृहस्थी का सारा सामान ट्रैक्टर से उठा ले जाने का आरोप लगाया गया है। प्रकरण में चार सगे भाइयों सहित पांच को नामजद और तीन अन्य अज्ञात को आरोपी ठहराया गया है। इसको लेकर दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने प्रभारी निरीक्षक घोरावल को प्राथमिकी दर्ज करने और विधि अनुरूप विवेचना कराए जाने के आदेश दिए हैं।

यह है मामला, जिसको लेकर दिया गया आदेश:

घोरावल कोतवाली क्षेत्र के कड़िया गांव निवासी रामसिंह गोंड़ का आरोप है कि श्रीराम, उनके पुत्र मोदी, राजकुमार, बृजेश, राजेश और दो-तीन अज्ञात व्यक्तियों द्वारा 11 नवंबर 2024 को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने आवास को ढहा दिया गया। घर में रखा पत्नी का गहना सहित गृहस्थी का सामान ट्रैक्टर से उठा ले जाने का आरोप लगाया गया है। दावा किया गया है कि गांव के प्रधान ने मना भी किया लेकिन आरोपियों ने उनकी भी बात नहीं मानी। घटना के वक्त वह और उसका परिवार घर से बाहर था। सूचना मिलने पर वह वहां पंहुंचकर एतराज जताया तो उसे धमकी दी गई। आरोपियों को पिछड़ा वर्ग का बताते हुए, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित किए जाने का भी आरोप लगाया गया है।

पुलिस ने भेजी आख्या में घटना को बताया था असत्यः

प्रकरण में पुलिस से मदद न मिलने पर पीड़ित की तरफ से अधिवक्ता हेमनाथ द्विवेदी और ओमप्रकाश दुबे के जरिए दो दिसंबर को विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) एक्ट के न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई। प्रकरण को लेकर न्यायालय की तरफ से घोरावल थाने से आख्या तलब की गई। थाने की तरफ से इसको लेकर विस्तृत आख्या प्रेषित की गयी है जिसमें प्रार्थना पत्र में वर्णित घटना को असत्य बताते हुए जानकारी दी गई कि मामले में कोई अभियोग पंजीकृत नहीं किया गया है।

 न्यायालय ने कहा-प्रकरण गंभीर, दर्ज करें एफआईआर:

न्यायालय ने मामले का परीक्षण करते हुए पाया कि विपक्षीगण पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सार्वजनिक स्थान पर आवेदक को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करके गालियां एवं जान से मारने की धमकी दी। उसके मकान को गिरा कर सामान उठा ले गए। प्रकरण गंभीर प्रकृति का है जिसकी विवेचना पुलिस द्वारा कराया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। इसको दृष्टिगत रखते हुए विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) एक्ट (आबिद शमीम) की अदालत ने प्रभारी निरीक्षक घोरावल को आदेशित किया है कि वह प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कराकर संबंधित पुलिस अधिकारी से मामले की विवेचना कराना सुनिश्चित करें और विवेचना के परिणाम से न्यायालय को अवगत कराएं।

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