Sonbhadra News: सोनभद्र में बने हुए हैं बाढ़ के हालात, रिहंद के सात, बाणसागर के खोले गए तीन फाटक, पटना तक अलर्ट

Sonbhadra News: जिले में एक तरफ भारी बारिश और दूसरी तरफ रिहंद, ओबरा और बाणसागर डैम से छोड़े जा रही पानी को देखते हुए, सोन नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की संभावनाएं जताई जाने लगी हैं। स्थिति को देखते हुए जहां जिला प्रशासन की तरफ से लगातार अलर्ट की स्थिति बनी हुई है।

Update:2024-09-18 20:46 IST

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Sonbhadra News: लगातार हो रही बारिश को थमे 24 घंटे से अधिक का वक्त हो गया है लेकिन अभी भी सोनभद्र में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की तरफ से लगातार पानी की आवक बने रहने के कारण, सुबह खोले गए रिहंद के तीन गेटों की संख्या बढ़ाकर सात कर दी गई है। इसके जरिए लगातार, ओबरा डैम-रेणुका नदी होते हुए, सोन नदी में 59375 क्यूूूसेक पानी छोड़े जाने का क्रम जारी है। उधर, सोन नदी पर मध्यप्रदेश के शहडोल में स्थापित बाणसागर डैम से भी तीन गेट खोलकर 77700

क्यूसेेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे सोन नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। स्थिति को देखते हुए, उधर सोन नदी स्थित इंद्रपुरी बैराज के भी 60 में से आधे से अधिक गेट खोलकर, पानी बहाए जाने का क्रम जारी है। इसके चलते, सोनभद्र से लेकर पटना तक अलर्ट की स्थिति बनी हुई है।

बताते चले कि जिले में स्थापित रिहंद और ओबरा डैम से छोड़े गए पानी की निकासी जहां सीधे सोन नदी में है। वहीं, सोन नदी पर निर्मित बाणसागर बांध और इंद्रपुरी बैराज के भी पानी की निकासी नहरों से इतर, सीधे सोन नदी में है। इसके अलावा जिले की रेणुका, बिजुल, कनहर, घाघर सहित आधा दर्जन प्रमुख नदियों का भी सीधा संगम सोन नदी से बना हुआ है। धंधैराल बांध से भी गेट खोलकर छोड़े जाने वाला पानी, सोन बैराज होते हुए, सोन नदी में पहुंचता है। जिले में एक तरफ भारी बारिश और दूसरी तरफ रिहंद, ओबरा और बाणसागर डैम से छोड़े जा रही पानी को देखते हुए, सोन नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की संभावनाएं जताई जाने लगी हैं। स्थिति को देखते हुए जहां जिला प्रशासन की तरफ से लगातार अलर्ट की स्थिति बनी हुई है। वहीं, रिहंद और बाणसागर डैम से छोडे़ जा रहे पानी पर भी लगातार नजर रखी जा रही है। आपदा राहत विभाग के जिला प्रबंधक पवन शुक्ला ने बताया कि सोन नदी की स्थिति स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। रिहंद बांध और बाणसागर डैम से छोडे जाने वाली पानी पर नजर रखी जा रही है। तहसील, ब्लाक और ग्राम स्तरीय आपदा राहत इकाइयां, हालात पर नजर रखने के लिए लगातार सक्रियता बनाए हुए हैं।

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