Sonbhadra News: रियल स्टेट के नाम पर धोखाधड़ी, घर के सपनों की सौदेबाजी कर हो रही प्लाटिंग, तीन को नोटिस, एक पर केस
Sonbhadra News: हाइवे किनारे स्थित जमीनों के साथ ही जिला मुख्यालय क्षेत्र में प्राइम लोकेशन वाले इलाकों में लगभग दो-ढाई साल से जमीनों की प्लाटिंग का घंधा तेजी से फल-फूल रहा है।
Sonbhadra News: सोनभद्र में रियल स्टेट कारोबार (जमीनों की प्लाटिंग) के खेल में ग्राहकों के साथ, हाईप्रोफाइल तरीके से धोखाधड़ी हो रही है। जिला मुख्यालय क्षेत्र सहित अन्य हिस्सों में प्राइम लोकेशन पर घर की चाहत में लोग प्लाटिंग का कारोबार करने वालों के झांसे में आ जा रहे हैं और उन्हें बगैर साइट प्लान मंजूरी वाली एरिया में, बगैर कोई सुविधा विकसित किए, प्लाट की बिक्री कर दी जा रही है और महज प्लाटिंग के नाम पर सामान्य रेट से अधिक कीमत भी वसूल ली जा रही है। कृषि भूमि को बगैर अकृषिक घोषित कराए, प्लाटिंग से राजस्व को भी बड़ा चूना लग रहा है। फिलहाल विभगीय स्तर पर, एक प्लाटिंग फर्म/कर्ताधर्ता के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। वहीं, तीन को नोटिस जारी कर, साइट प्लान मंजूर कराने और तब तक के लिए प्लाटिंग रोकने की नोटिस थमाई गई है।
इन इलाकों में फल-फूल रहा प्लाटिंग का धंधा
बताते चलें कि हाइवे किनारे स्थित जमीनों के साथ ही जिला मुख्यालय क्षेत्र में प्राइम लोकेशन वाले इलाकों में लगभग दो-ढाई साल से जमीनों की प्लाटिंग का घंधा तेजी से फल-फूल रहा है। एनसीएल, एनटीपीसी, यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम, हिण्डाल्को कर्मियों सहित अन्य को मुख्यालय पर प्राइम लोकेशन पर बेहतर सुविधा वाले एरिया में प्लाट दिलाने का झांसा देकर, अच्छी कीमत भी वसूली जा रही है लेकिन जिन जमीनों पर प्लाटिंग की जा रही हैं, वहां बेहतर सड़क, पार्किंग, आदि की व्यवस्था तो दूर, प्लाटिंग का सही प्लान तक नदारद है।
प्लाटिंग के चक्रव्यूह ने जमीनों के तेजी से बढ़ाए दाम
जिला मुख्यालय का जो मुख्य शहर है, उसी की कालोनियों में ज्यादातर जगहों पर बुनियादी सुविधाओं के बेहतर इंतजाम नदारद हैं लेकिन मुख्य शहर के साथ ही कलेक्ट्रेट, पुलिस लाइन, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज, उरमौरा, लोढ़ी, पुसौली, पेटराही, गोरारी, भड़रा, सेमरा, सहिजन, रौप, जैत, कम्हारी, बरकरा, बभनौली, पकरी एरिया, राजकीय मेडिकल कालेज और चंडी तिराहे से हिंदुआरी तिराहे के बीच तथा घोरावल रोड पर प्राइम लोकेशन वाली जगहों पर प्लाटिंग की होड़ सी मची हुई है। वहीं मौके पर बगैर किसी साइट प्लाट, बगैर किसी अनुमन्य सुविधा के ही, इन जमीनों की ऊंची कीमत वसूली जा रही है। स्थिति यह है कि प्लाटिंग के खेल ने जहां जिला मुख्यालय एरिया में सामान्य जमीनों की कीमतें भी तीन से चार गुनी तक बढ़ा दी हैं। वहीं, तेजी से विकसित हो रहे मुख्यालय क्षेत्र के बेतरतीब तरीके से नगरीय एरिया का भी विस्तार होता चला जा रहा है।
इन सुविधाओं का ख्याल रखना जरूरी
अधिवक्ता अखिलेश कुमार मिश्र बताते हैं कि किसी भी जगह प्लाटिंग करने से पहले उसका साइट प्लान तैयार किया जाता है, जिसमें पार्किंग, पार्क, बिजली, सड़क, पेयजल, पानी निकासी और कम्युनिटी हाल आदि की सुविधाएं प्रदान करनी होती हैं। साइट प्लान में इंगित किए गए तथ्यों के मुताबिक मौके पर प्लाटिंग साइट विकसित की जाती है। इसके बाद उसे विनियमित क्षेत्र प्राधिकारी कार्यालय से मंजूर कराया जाता है। इससे पहले कृषि वाली जमीनों को अकृषिक घोषित कराने की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। साइट प्लान मंजूर होने के बाद, प्लाटिंग वाली जगहों पर जमीन की खरीद-बिक्री शुरू की जाती है।
ऐसे की जा रही राजस्व की चोरी
कृषि भूमि को बगैर अकृषिक कराए प्लाटिंग वाली जमीन की खरीद-फरोख्त तो हो ही रही है, जिस जमीन की प्लाटिंग से जुड़े लोग/फर्में एग्रीमेंट करा रही हैं। वहीं बिक्री के वक्त एग्रीमेंट का जिक्र किए बगैर, सीधे काश्तकार से जमीन की बिक्री कराकर टैक्स बचा लिया जा रहा है। जब कभी मामला फंस रहा है या किसी रूप में मुकदमेबाजी की नौबत आ रही है, तब खरीदार को पता चलता है कि वह प्लाटिंग के खेल का शिकार हो चुका है।
तीन को नोटिस, एक पर किया गया केसः जेई
विनियमित क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता श्रवण पांडेय बताते हैं कि बगैर साइट प्लान मंजूर कराए, बगैर डेवलमेंट टैक्स अदा किए तथा बगैर कृषि भूमि को अकृषिक कराए प्लाटिंग का मामला सामने आने पर तीन को नोटिस थमाई गई है और एक के खिलाफ विनियमित प्राधिकारी के न्यायालय में केस भी दर्ज कराया गया है। दर्जनों की संख्या में प्लाटिंग किए जाने के मसले पर कहा कि काश्तकार को आगे कर, परोक्ष रूप से प्लाटिंग की जा रही है, इसके चलते चिन्हांकन में दिक्कत आ रही है।