Sonbhadra: पावर प्रोजेक्ट में निविदा के लिए धोखाधड़ी, UPRVUNL से जुड़ा मामला, दो फर्म संचालकों पर FIR

Sonbhadra News: यूपी राज्य विद्युत निगम के स्वामित्व वाली परियोजना में ठेकेदारी/निविदा हासिल करने के लिए धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मामले में एक ठेकेदार ने दो फर्म संचालकों के खिलाफ अनपरा थाने में केस दर्ज कराया है।

Update:2023-11-30 20:46 IST

प्रतीकात्मक चित्र (Social News)

Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत निगम के स्वामित्व वाली परियोजना में ठेकेदारी/निविदा हासिल करने को लेकर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मामले में एक ठेकेदार की तरफ से दो फर्म संचालकों के खिलाफ अनपरा थाने में केस दर्ज कराया गया। प्रकरण को लेकर दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर पुलिस ने धारा- 419, 420, 467, 468 और 471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस की तरफ से यह कार्रवाई कोर्ट से आए आदेश के क्रम में की गई।

साथी ठेकेदारों ने ही दिया दगा

जीडीसी कालोनी निवासी तथा शालीमार डेकोरेटर के साइट मैनेजर ललित कुमार सागर की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत में अवगत कराया गया है कि उससे जुड़ी फर्म अनपरा पावर प्रोजेक्ट में मरम्मत और अनुरक्षण का काम ठेके पर कराती है। फर्म के प्रोपराइटर उसके पिता हरिशंकर हैं। पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए उन्होंने उसे फर्म का सारा काम करने के लिए अधिकृत किया है। बताया गया है कि अनपरा परियोजना की तरफ से निकली एक निविदा में उसकी फर्म के अलावा मेसर्स प्रभात कुमार रंजन द्वारा निशा इंटर प्राइजेज, कृष्णा इंजीनियरिंग वर्क्स और एक अन्य फर्म ने निविदा दाखिल की थी। निविदा की धरोहर राशि जमा करते वक्त मेसर्स प्रभात का नेट बैंकिंग का काम नहीं करता था तो उसके लिए धनराशि, उसने अपने नेट बैकिंग के माध्यम से स्थानांतरित की।

एमपी के बैढ़न जाकर तैयार कराया गया नोटेरियल पत्र

आरोप है कि, इसके बाद उससे व्यवसायिक प्रतिद्वंदिता रखने वाले, निशा इंटरप्राइजेज के पार्टनर रमाशंकर श्रीवास्तव और मेसर्स कृष्णा इंजीनियरिंग वर्क्स के साइट इंचार्ज मो. शकील दोनों ने मिलकर उसके फर्म के पुराने पैड का इस्तेमाल करते हुए, बैढ़न स्थित आभा शाह स्टांप वेंडर से स्टांप खरीदकर कूटरचित नोटरियल पत्र तैयार कर लिया।

पावर प्रोजेक्ट प्रबंधन ने मांगा जवाब, तब सामने आई सच्चाई

आरोपों के मुताबिक उसे व्यावसायिक क्षति पहुंचाने के लिए दोनों ने मिलकर उसे यूआरवीयूएनएल के एमडी और अनपरा परियोजना के सीजीएम को भेजा गया। उसे इस बात की जानकारी तब हुई, अनपरा परियोजना प्रबंधन की तरफ से कथित पत्र के बाबत जवाब मांगा गया। प्रकरण को लेकर पीड़ित की तरफ से अदालत का दरवाजा खटखटाया गया। वहां से आए आदेश के क्रम में बुधवार की रात, मामले में रमाशंकर श्रीवास्तव और मोहम्मद शकील के खिलाफ उपरोक्त धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई। पुलिस के मुताबिक सच्चाई के बारे में पता लगाया जा रहा है।

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