Sonbhadra News: घर में घुसकर की थी नाबालिग से दुष्कर्म की कोशिश, मिली पांच वर्ष की कैद

Sonbhadra News:अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई की। अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया।

Update: 2024-03-29 13:46 GMT

Sonbhadra News (फोटो न्यूजट्रैक )

Sonbhadra News: घर में घुसकर नाबालिग से दुष्कर्म की कोशिश करने के दोषी बच्चा उर्फ घनश्याम पांडेय को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। मामला शाहगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा है। प्रकरण में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई की। अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया।

इसके बाद दोषी पाए गए बच्चा पांडेय को पांच वर्ष की कैद के साथ ही 17 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। प्रकरण के विचारण के दौरान दोषी ने जो अवधि जेल में व्यतीत की होगी उसे सजा में समाहित किया जाएगा। अर्थदंड जमा होने के बाद, उसमें से 13 हजार पीड़िता को प्रदान किए जाएंगे।

अप्रैल 2017 में हुई नाबालिग से दुष्कर्म के कोशिश की वारदात

अभियोजन कथानक के मुताबिक शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग पीड़िता गत 12 अप्रैल 2017 को शाहगंज थाने पहुंची। उसने पुलिस को एक तहरीर भी दी। उसके जबरए आरोप लगाया कि वह 7 अप्रैल 2017 की रात घर पर अकेली थी। उसी समय रात्रि 11 बजे के करीब बच्चा पांडेय उर्फ घनश्याम पांडेय पुत्र कैलास पांडेय, निवासी रैपुरा, थाना शाहगंज उसके घर में घुस आया और उसके साथ जबरदस्ती करने लगा। विरोध करने पर उसका कपड़ा फाड़ दिया।

शोरगुल मचाने पर उसे छोड़कर भाग गया। जाते समय, घटना की जानकारी किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। वाकए को लेकर पीड़िता पांच दिन तक सहमी रही। परिवार के लोगों के संबल देने पर, 12 अप्रैल को थाने पहुंची और पुलिस को पूरी घटना से अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की।

पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर की गई छानबीन

दी गई तहरीर पर पुलिस ने दुष्कर्म के प्रयास (अश्लील हरकत) सहित अन्य धाराओं और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर छानबीन की। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। लगभग सात साल तक मामले कमो लेकर न्यायालय में सुनवाई चली। इस दरम्यान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तके सुने। गवाहों के बयान और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का परिशीलन किया। इसके आधार पर दोषी पाते हुए आरोपी को 5 वर्ष की कैद औरं 17 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने मामले की पैरवी की।

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