Sonbhadra News: मिट्टी सप्लाई के लिए खोद डाला पहाड़, जांच में 5775 मीटर अवैध खनन, केस दर्ज

Sonbhadra News: अनपरा थाना क्षेत्र की एक सड़क निर्माण के कार्य में बोल्डर और मिट्टी आपूर्ति के लिए, इसी थाना क्षेत्र के बेलवादह स्थित पहाड़ी को खोद डालने का आरोप लगाया गया है।;

Update:2023-05-30 01:07 IST
अवैध खनन: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: अनपरा थाना क्षेत्र की एक सड़क निर्माण के कार्य में बोल्डर और मिट्टी आपूर्ति के लिए, इसी थाना क्षेत्र के बेलवादह स्थित पहाड़ी को खोद डालने का आरोप लगाया गया है। एसडीएम दुद्धी के निर्देश पर खनन विभाग और राजस्व की संयुक्त टीम की तरफ से की गई जांच में 5775 मीटर अवैध खनन पाए जाने का दावा किया गया है। खनिज सर्वेक्षक योगेश शुक्ला की तहरीर पर अनपरा पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

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सड़क निर्माण सामग्री की आपूर्ति का मिला था ठेका

पुलिस को दी तहरीर में बताया गया है कि अनपरा स्थित लैंको पावर प्रोजेक्ट की तरफ से एक सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। इस सड़क के निर्माण में बोल्डर और मिट्टी की आपूर्ति के लिए अनपरा क्षेत्र की फर्म वीके स्टोन को वर्क आर्डर दिया गया है। आरोप है कि इस वर्क आर्डर की पूर्ति के लिए बेलवादह में अनपरा पावर प्रोजेक्ट के नाम दर्ज जमीन पर स्थित पहाड़ी खोद डाली गई है। सड़क निर्माण के लिए सामग्री आपूर्ति का वर्क आर्डर पाने वाली फर्म मेसर्स वीके स्टोन पर संबंधित पहाड़ी पर अवैध खनन और अवैध परिवहन का आरोप लगाया गया है।

खनिज सर्वेक्षक योगेश शुक्ला ने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि एसडीएम दुद्धी के निर्देश पर खान विभाग और राजस्व की संयुक्त टीम ने पहाड़ी पर किए गए खनन की जांच की थी। जांच में पाया गया कि बोल्डर-मिट्टी मिलाकर कुल 5775 मीटर अवैध खनन किया गया है। तहरीर के क्रम में अनपरा पुलिस ने मेसर्स वीके स्टोन के खिलाफ धारा 379 आईपीसी तथा यूपी उप खनिज परिहार नियमावली, खान एवं खनिज अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है।

बड़ी कार्रवाई के पीछे एक प्रभावशाली व्यक्ति का बताया जा रहा हाथ

जिस खनन को लेकर कार्रवाई की गई है, उसमें पूरा का पूरा खनन महज एक सड़क निर्माण के लिए किए जाने की बात जहां लोगों के गले नहीं उतर पा रही है। वहीं, इस कार्रवाई के पीछे एक प्रभावशाली व्यक्ति का हाथ होने की चर्चा तेजी से बनी हुई है। इससे पहले भी यह मसला उछलता रहा है लेकिन कुछ समय बाद मामला शांत होता रहा है। कहीं इस बार भी तो कुछ ऐसा ही खेल नहीं खेला जा रहा? इसको लेकर चर्चाएं जारी हैं। बता दें कि संबंधित फर्म से जुड़े लोगों को सत्ता पक्ष में अच्छी पैठ के साथ एक मंत्री का भी करीबी बताया जाता है। ऐसे में अचानक से बड़ी कार्रवाई कहीं निकाय चुनाव के दौरान सामने आए उतार-चढ़ाव का तो परिणाम नहीं? इस पर भी चर्चाएं बनी हुई हैं।

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