Sonbhadra News: जोनल कमांडर रहे नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और अजीत कोल भी पाए गए दोषी, छह को सुनाई जाएगी सजा, वर्ष भर बाद दूसरे मामले में मुन्ना दोषी करार
Sonbhadra News: पुलिस पार्टी पर फायरिंग और अत्याधुनिक असलहों की बरामदगी के मामले में नक्सली संगठन के सोन-विंध्य गंगा जोन कमांडर रहे हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और उसके साथी अजीत कोल को भी पुलिस पार्टी पर फायरिंग और उनके पास से अत्याधुनिक असलहों की बरामदगी के मामले में दोषी करार दिया गया है।
Sonbhadra News: पुलिस पार्टी पर फायरिंग और अत्याधुनिक असलहों की बरामदगी के मामले में नक्सली संगठन के सोन-विंध्य गंगा जोन कमांडर रहे हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और उसके साथी अजीत कोल को भी पुलिस पार्टी पर फायरिंग और उनके पास से अत्याधुनिक असलहों की बरामदगी के मामले में दोषी करार दिया गया है। इस प्रकरण को लेकर मुन्ना विश्वकर्मा की शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में पेशी भी हुई जहां उसे दोषी करार दिए जाने की जानकारी देने के बाद, वापस नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया। उसके साथ ही, अजीत को भी दोषी करार दिया गया। हालांकि गारद न मिलने के कारण अजीत को पेशी पर नहीं लाया जा सका था। दोनों को सजा सुनाए जाने की तिथि छह फरवरी तय की गई है। तय तिथि को सजा सुनाए जाने के समय, दोनों को न्यायालय में उपस्थित करने के भी आदेश दिए गए हैं।
बताते चलें कि मई 2012 में मुन्ना विश्वकर्मा और उसके साथ अजीत कोल की चोपन थाना क्षेत्र के कनछ के जंगल से गिरफ्तारी हुई थी। उनके पास से बड़ी संख्या में अत्याधुनिक असलहे और कारतूसों की बरामदगी का भी दावा किया गया था। पुलिस पार्टी को लक्ष्य कर फायर किए जाने की भी बात कहते हुए, दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इस मुठभेड़ और बरामदगी के अलावा जिले में हुई अन्य घटनाएं, जिनमें मुन्ना और अजीत के संलिप्तता की बात सामने आई थी, उसमें चार्जशीट अदालत में प्रस्तुत की गई थी जिनकी क्रमवार सुनवाई का क्रम बना हुआ है।
शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश एहसानउल्ला खां की अदालत ने मुन्ना विश्वकर्मा और अजीत कोल को कनछ के जंगल में पुलिस पार्टी पर फायरिंग और अत्याधुनिक असलहों की बरामदगी के मामले में सुनवाई की। अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोनों को दोषी करार दिया गया और सजा पर निर्णय सुनाने के लिए छह फरवरी की तिथि मुकर्रर कर दी गई। बताते चलें कि राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के कम्हरिया गांव निवासी मुन्ना के खिलाफ यूपी सहित बिहार और छत्तीसगढ़ में लगभग 100 लोगों की हत्याएं करने का आरोप है और तीनों राज्यों में 90 से अधिक आपराधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं।
महज नाम से सिहरन पैदा करने वाला मुन्ना देता रहा खुद को निर्दोष होने की दुहाई
छह इंच छोटा करने के रूप में नक्सली आतंक की नई परिभाषा लिखने वाले और गिरफ्तारी की शुरूआत में रौब भरे चेहरे के साथ पेशी पर आने वाले मुन्ना का रूप शुक्रवार को बदला हुआ नजर आ रहा था। यूपी के सोनभद्र और बिहार के रोहतास तथा कैमूर जिले में एक से बढ़कर एक जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले मुन्ना के महज नाम पर जहां लोगों के शरीर में सिहरन पैदा हो जाती थी। वहीं, मुन्ना शुक्रवार को, बुझे चेहरे के साथ, पुलिस पर आत्मसमर्पण दिखाने की बजाय, गिरफ्तारी दिखाने का आरोप लगाते हुए, दोषी करार दिए गए मामले में खुद को बेकसूर होने की दुहाई दे रहा था।