Sonbhadra: राबटर्सगंज की हर विधानसभा में एनडीए की हार, घोरावल-दुद्धी में बड़ा उलटफेर

Sonbhadra News: राबटर्सगंज में मतदान के समय तक भाजपा की बैकवर्ड लाबी की खामोशी और मतदान के दिन की स्थिति ने कहानी बयां कर दी थी। अगड़ों की नाराजगी अलग समीकरण बना ही रही थी।

Update: 2024-06-06 14:37 GMT

Sonbhadra News (Pic: Social Media)

Sonbhadra News: राबर्टसगंज संसदीय क्षेत्र के चुनाव में विधानसभावार पड़े वोटों की जो तस्वीर सामने आई है, वह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को चिंता में डालने वाली है। राबटर्सगंज, ओबरा, दुद्धी सीट पर तो हार मिली है, मौजूदा हालात में भाजपा के लिए सबसे मजबूत सीट मानी जाने वाली घोरावल विधानसभा सीट पर सामने आया बड़ा उलटफेर सियासी विश्लेषकों को चौंकाने वाला रहा। वहीं, दुद्धी का भी लोकसभा और विधानसभा के लिए पड़ें मतों की अलग-अलग सामने आई तस्वीर, सत्ता के दिग्गजों के साथ ही, सियासतदानों को चौंकाती नजर आई।

राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र में मतदान के समय तक, भाजपा से जुड़ी माने वाली बैकवर्ड लाबी की खामोशी और मतदान के दिन की सामने आई स्थिति ने काफी कुछ कहानी बयां कर दी थी। अगड़ों की नाराजगी अलग समीकरण बना ही रही थी। बची-खुची कसर, खरवार वोटरों के धु्रवीकरण ने पूरी कर दी थी लेकिन भाजपा और उसके सहयोगी दल के लोग, वर्ष 2017 और वर्ष 2022 के विधानसभा तथा वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों को देखते हुए, अपनी जीत तय मानकर चल रहे थे लेकिन जैसे ही गत चार जून को मतों की गिनती शुरू हुई, पहले चरण से ही, मतदान के दिन दिखी स्थिति को लेकर लगाई गई अटकलें, सच साबित होनी शुरू हो गई हैं।

जानिए किस विधानसभा में क्या रही स्थिति

राबटर्सगंज: इस विधानसभा सीट को सदर सीट का दर्जा हासिल है। वर्ष 2017 में यहां से भूपेश चौबे ने रिकार्ड मत पाकर अच्छे-खासे वोटों से जीत दर्ज की थी। वर्ष 2019 के लोकसभा और वर्ष 2022 के विधानसभा में यहां भाजपा-सपा की लड़ाई काफी नजदीकी साबित हुई, लेकिन बाजी भाजपा गठबंधन के नाम रही। वर्ष 2024 में खरवार वोटों के सपा की ओर जाने और मतदान को लेकर अगड़े वोटरों की तरफ से दिखाई गई उदासीनता ने, जनसंघ काल से भाजपा की गढ़ माने जाने वाले इस विधानसभा क्षेत्र का परिणाम उलट कर रख दिया और यहां भाजपा गठबंधन को सपा के मुकाबले जहां 20534 मत मिले, वहीं, सपा अब तक यहां सबसे ज्यादा मत पाने वाली पार्टी बन गई।

घोरावल: इस विधानसभा में मौर्य बिरादरी का अच्छा-खासा वोट होने के कारण, वर्ष 2007 से अब तक डा. अनिल मौर्य का वर्चस्व बना हुआ है। हालांकि, वर्ष 2012 में नजदीकी लड़ाई में सपा के रमेशचंद्र द्विवेदी ने, उन्हें हराकर, वर्चस्व का मिथक तोड़ दिया था। वर्ष 2016 में जब बसपा ने उनसे किनारा किया तो उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। मजबूत जातीय समीकरण को देखते हुए 2017 में टिकट दिया गया और वह पार्टी की उम्मीदों पर खरे साबित हुए। 2022 के चुनाव में खासे विरोध के बावजूद, 24345 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। इसको देखते हुए, 2024 के विधानसभा चुनाव में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सभा भी घोरावल विधानसभा में कराई गई लेकिन लोकसभा चुनाव में, उनका मजबूत वोटबैंक माने जाने वाली बिरादरी का सपा को मिले समर्थन ने, पूरी तस्वीर उलटकर रख दी और यहंा सपा ने 28403 मतों से लीड दर्ज कर, बड़े अंतर की जमीन तैयार कर ली।

ओबरा: इस सीट पर जहां अगड़ों की नाराजगी ने मतों का प्रतिशत खासा लुढ़का दिया। वहीं, यहां आदिवासी तबके के विधायक संजीव कुमार गोंड़ को मंत्री का दर्जा मिले होने के बावजूद, सपा 60623 मत पाकर, 4660 मतों की लीड लेने में कामयाबी रहीं। 2022 के चुनाव में यहां भाजपा ने 78364 वोट पाकर, 26442 मतों से जीत दर्ज की थी।

दुद्धी: सबसे ज्यादा मेहनत दुद्धी विधानसभा में हुई थी। अद एस के साथ ही, उपचुनाव में भाजपा के चुनाव में, पार्टी के हाईकमान तक ने पूरी ताकत लगा रखी थी। बावजूद गणना का परिणाम भाजपा और उसके सहयोगी दल अद एस दोनों के लिए अलग-अलग साबित हुआ। विधानसभा में जहां भाजपा को यहां 79579 और सपा को 82787 मत मिले, हार का अंतर महज 3209 वोट रहा। वहीं, इसके उलट लोकसभा के लिए भाजपा गठबंधन को महज 54516 मत प्राप्त हुए। वहीं, सपा ने उपचुनाव के आंकड़े को पीछे छोड़ते हुए, 98208 मत हासिल, कर भाजपा को यहां 43692 मतों से पीछे छोड़ दिया जो दुद्धी विधानसभा में अब तक के अंतर का एक नया रिकार्ड है।

चकिया: यहां खरवार समुदाय के कैलाश आचार्य के विधायक होने, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का गृह क्षेत्र होने के बावजूद, सांसदी में सपा उम्मीदवार छोटेलाल को अन्य वर्गों के साथ ही स्वजातीय तबके का बड़ा साथ मिला। इसके चलते जहां, सपा को यहां 1,09,026 मत प्राप्त हुए। वहीं, भाजपा गठबंधन के मतों का आंकड़ा 77419 पर जाकर रूक गया। सपा को 31607 की लीड हासिल हुई। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां 97812 वोट प्राप्त हुए थे। कैलाश आचार्य ने सपा के जितेंद्र कुमार को 9251 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी।

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