Sonbhadra News:निषाद पार्टी गरमाएगी निषादराज किले पर बनी मस्जिद का मुद्दा, राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले 1977 के सर्वे में नहीं थी वहां कोई मस्जिद
Sonbhadra News: प्रयागराज जिले के श्रृंगबेरपुर स्थित निषादराज किले पर बनी मस्जिद का मसला एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। निषादराज पार्टी की तरफ से जहां इस मुद्दे को गरमाने की तैयारी की जा रही है।
Sonbhadra News: प्रयागराज जिले के श्रृंगबेरपुर स्थित निषादराज किले पर बनी मस्जिद का मसला एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। निषादराज पार्टी की तरफ से जहां इस मुद्दे को गरमाने की तैयारी की जा रही है। वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद ने इस मामले को लेकर, सामाजिक मोर्चे पर मसले की सलटाने की कोशिश के साथ ही, प्रकरण को न्यायालय में ले जाने का ऐलान किया है।
सोनभद्र आए डा. निषाद ने कहा कि वर्ष 1977 में पुरातात्विक टीम की तरफ से किले की खुदाई की गई थी और खुदाई के जरिए यहां की स्थिति को लेकर एक मानचित्र भी तैयार किया था जिसमें मस्जिद का कहीं कोई जिक्र नहीं है। भाजपा सरकार आने के बाद, निषाद राज किले की तस्वीर संवारने की कोशिश के दौरान, झाड़ियों की सफाई की गई तो पता चला कि सर्वे के बाद वहां मस्जिद बना दी गई है। डा. निषाद ने कहा कि किसी भी विवादित जगह पर इबादत करना गुनाह है। वह इसको लेकर मुसलिम समाज से अपील करने में लगे हुए हैं। जल्द ही इस प्रकरण को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपकर सहयोग मांगा जाएगा। मुसलिम समाज से भी सहयेाग की अपील की जाएगी। कहा कि मामले में न्यायालय की भी शरण ली जाएगी।
संवैधानिक तरीके से मामले का निकाला जाएगा हल
डा. निषाद ने कहा कि उनकी पूरी कोशिश है कि इस मामले का संवैधानिक तरीके से जल्द से जल्द हल निकाल लिया जाए। बताया कि इसको लेकर वकीलों की टीम लगी हुई है और किले से जुड़े दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं को इसका समाधान जल्द निकालने का भरोसा देते हुए कहा कि कहा कि जिस तरह से अयोध्या में बाबरी मस्जिद का लगा झंडा संवैधानिक तरीके से हट गया। उसी तरह से उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि प्रयागराज किले पर गलत तरीके से बनाई गई मस्जिद का भी झंडा हटा लिया जाएगा।
घोषी में निषाद समुदाय का वोट न मिलने का आरोप गलत
घोषी उपचुनाव में निषाद समाज का वोट न मिलने का ओमप्रकाश राजभर की तरफ से दिए गए बयान पर किसी तरह की टिप्पणी से परहेज करते हुए मत्स्य मंत्री ने कहा कि उनके पास पास जो जानकारी उपलब्ध है। उसके मुताबिक घोषी में 40 गांव निषाद आबादी वाले हैं। सिर्फ तीन गांवों में कम वोट मिले हैं। उसके लिए भी भाजपा के एक नेता जिम्मेदार हैं। शेष सभी गांवों में निषाद समुदाय की तरफ से 80 फीसद से अधिक वोटिंग की गई है।