Sonbhadra News: जेई, ठेकेदार ने मुआवजे का झांसा देकर हड़प लिए 4.29 लाख, रोडवेज बस स्टेशन से जुड़ा मामला, FIR
Sonbhadra News: ओबरा में रोडवेज बस स्टेशन निर्माण से जुड़ी जमीन को लेकर आपत्ति जताने वाले काश्तकारों को सरकार से लाखों का मुआवजा दिलाने का झांसा देकर 4,29,000 की रकम हड़प लिए जाने का मामला सामने आया है।;
Sonbhadra News: ओबरा में रोडवेज बस स्टेशन निर्माण से जुड़ी जमीन को लेकर आपत्ति जताने वाले काश्तकारों को सरकार से लाखों का मुआवजा दिलाने का झांसा देकर 4,29,000 की रकम हड़प लिए जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार और संबंधित जेई ने काश्तकारों को झांसा देकर रकम ऐंठ ली। 2 साल बाद यह प्रकरण पुलिस के पास तब पहुंचा, जब मुआवजा न मिलने पर आरोपियों ने ली गई रकम वापस लौटने से इनकार कर दिया। पीड़ितों की तरफ से शनिवार को दी गई तहरीर पर ओबरा पुलिस ने धारा 406 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी है।
सहखातेदारों की आपत्ति के बाद रोक दिया गया था निर्माण कार्य
शाहगंज थाना क्षेत्र के धोवा गांव की रहने वाली सावित्री देवी पत्नी अखिलेश कुमार ने प्रभारी निरीक्षक ओबरा को दी तहरीर में बताया है कि वह और उसकी बहन रामवती पत्नी घनश्याम वर्मा, तारा देवी पत्नी भीमा सिंह बिल्ली मारकुण्डी, परगना अगोरी, तहसील- ओबरा के आराजी सं0 2330 मि के सहकाश्तकार है। आराजी सं0 2330 मि में यूपी परिवहन निगम द्वारा रोडवेज बस स्टैण्ड बनाने के लिए, ठेका नागेंद्र वर्मा पुत्र बाबू राम वर्मा निवासी साटा, पोस्ट- पुरुषोत्तमपुर जिला सुल्तानपुर को दिया गया है। जब ठेकेदार की तरफ से उक्त भूमि पर निर्माण प्रारंभ किया गया तो सहखातेदारों ने आपत्ति दर्ज कराई इसके बाद निर्माण कार्य रोक दिया गया।
कार्य रोकने पर, अच्छा-खासा मुआवजा दिलाने का झांसा देकर ऐंठ ली गई चार लाख से अधिक की रकम
सहखातेदारों का आरोप है उक्त ठेकेदार और जेई जयशंकर प्रसाद ने सुलह-समझौते के आधार पर सरकार से लाखों का मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया। आरोपी के मुताबिक इसके लिए 4,41,000 का खर्च बताया गया। इसके क्रम में 30 अगस्त 2022 को 3 लाख चेक के माध्यम से, 95,000/- फोन पे के माध्यम से, 18000 नगद और चार बार में 5000 और 3000 फोन पे के जरिए (कुल चार लाख उनतीस हजार) लिए गए। भरोसा दिया गया कि सुलह समझौता का कागज शासन को भेज दिया गया है। जल्द ही मुआवजा दिलवाया जायेगा। 6 माह तक इंतजार करने के लिए कहा गया लेकिन अब तक न तो कोई मुआवजा मिला और न ही दिए गए रकम की वापसी की गई। ओबरा पुलिस के मुताबिक तहरीर में लगाए गए आरोपों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धारा 406 आईपीसी का केस दर्ज कर दिया गया है। प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी गई है।