Sonbhadra News: 14 वर्षीय नाबालिग से दो माह तक दुष्कर्म, मिली 20 साल की सजा

Sonbhadra News: सजा के मसले पर दोनों पक्षों की ओर से तर्क रखे गए। घटना की गंभीरता को देखते हुए, अदालत ने दोषी संतोष भुइयां को 20 वर्ष के कठोर कैद और एक लाख अर्थदंड की सजा सुनाई।

Update: 2024-06-07 13:41 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: 14 वर्षीय नाबालिग के साथ दो माह तक डरा-धमकाकर दुष्कर्म किए जाने के मामले में दोषी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। वाकया साढ़े चार वर्ष पुराना है। विंढमगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। इस प्रकरण की शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सुनवाई की। अधिवक्ताओं की दलीलों औ पत्रावली में उपलक्ष्य साक्ष्यों के आधार पर दोष सिद्ध पाया। इसके बाद सजा के मसले पर दोनों पक्षों की ओर से तर्क रखे गए। घटना की गंभीरता को देखते हुए, अदालत ने दोषी संतोष भुइयां को 20 वर्ष के कठोर कैद और एक लाख अर्थदंड की सजा सुनाई।

दो माह तक करता रहा दुष्कर्म

अर्थदंड जमा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए आदेश पारित किया गया। अर्थदंड जमा होने के बाद नियमानुसार 80 हजार की धनराशि पीड़िता को प्रदान कर दी जाएगी। अभियोजन कथानक के मुताबिक विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने विंढमगंज थाने पहुंचकर तहरीर दी थी। पुलिस को अवगत उसकी 14 वर्षीय बेटी के साथ सतीश भुईयां पुत्र रामनाथ भुईयां निवासी धूमा, थाना विंढमगंज लगभग दो माह से डरा-धमकाकर दुष्कर्म कर रहा है। उसने उसे परिवार वालों को इसकी जानकारी न देने की हिदायत दे रखी थी। ऐसा करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। जब उसने रोते हुए अपनी मां को घटना के बारे में जानकारी दी, तब उसे पूरा प्रकरण मालूम हुआ।

चार साल चली सुनवाई, फिर आया फैसला

ममले में 30 सितंबर 2019 को विंढमगंज पुलिस ने दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी। विवेचना पूरी होने के बाद पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए जांच अधिकारी ने चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित की थी। यहां लगभग चार तक चली सुनवाई में, आरोपी पक्ष का सफाई का मौका देने के साथ ही, गवाहों के बयान परीक्षित कराए गए। फाइनल बहस सुनी गई इसके बाद फैसले की तिथि सात जून यानी शुक्रवार को निर्धारित की गई। तय तिथि को मामले में अभियोजन और बचाप पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने तर्क रखे। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों, गवाहों की ओर से परीक्षित कराए गए बयानों, समय-समय पर शीर्ष न्यायालयों की तरफ से निर्णित गए विधि विनिश्चयों को दृष्टिगत रखते हुए, अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने संजय भुइयां को दोषी पाया औ उसे 20 वर्ष कैद तथा एक लाख की अर्थदंड की सजा सुनाई। पीड़िता के पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने न्यायालय के सामने दलीलें पेश की।

Tags:    

Similar News