Sonbhadra News : दहेज हत्या के दोषी पति सहित तीन को सात-सात वर्ष की कठोर कैद, सावित्री हत्याकांड में सुनाया गया फैसलाः
Sonbhadra News: विवाहिता की हत्या किए जाने के मामले में पति, सास और ससुर को सात-सात वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। दो-दो हजार अर्थदंड भी लगाया गया है।;
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Sonbhadra News : दहेज की मांग पूरी न होने पर, विवाहिता की हत्या किए जाने के मामले में पति, सास और ससुर को सात-सात वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। दो-दो हजार अर्थदंड भी लगाया गया है। मामला राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। बुधवार को इस प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू अर्चना रानी की अदालत ने की। अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों, गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया और दोषी पति संतोष, ससुर अमरनाथ और सास फूलवंती देवी को कठोर कैद के साथ अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न किए जाने की दशा में एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया।
अभियोजन कथानक के मुताबिक 22 सितंबर 2018 को सावित्री पत्नी संतोष निवासी बसौली, थाना रॉबर्ट्सगंज की संदिग्ध हाल में मौत हो गई थी। मृतका के पिता घुरफेकन पाल निवासी बरवाडीह, थाना चकरघट्टा, जिला चंदौली ने 27 सितंबर 2018 को राबटर्सगंज कोतवाली पहुंचकर तहरीर दी। अवगत कराया कि उसने अपनी बेटी सावित्री देवी की शादी करीब साढ़े 4 वर्ष पूर्व 9 जून 2014 को संतोष पुत्र अमरनाथ निवासी बसौली के साथ रीति रिवाज से की थी। सामर्थ्य अनुरूप उपहार दिया था। आरोप लगाया था कि बावजूद दहेज की मांग को लेकर उसकी बेटी को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा। कई बार रिश्तेदारों के सामने पंचायत हुई। प्रताड़ित न किए जाने का आश्वासन भी दिया जाता रहा। बावजूद प्रताड़ना का क्रम जारी रहा।
पिता घुरफेकन ने दी तहरीर में कहा है कि 22 सितंबर 2018 की सुबह 6 बजे बेटी के बीमारी की सूचना पर वह जब अन्य लोगों के साथ उसके ससुराल पहुंचा तो उसके शरीर पर चोट के निशान थे और वह मृत हाल में पड़ी थी। उसे अस्पताल लेकर पहुंचा तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। तहरीर में कहा गया था कि दहेज की मांग पूरी नहीं हुई इसलिए पति संतोष, ससुर अमरनाथ, सास फूलवंती देवी ने उसकी बेटी को मार डाला। पुलिस ने इस पर एफआईआर दर्ज करते हुए विवेचना की और पर्याप्त सबूत का दावा करते हुए, चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित की गई।
नौ गवाहों ने दहेज हत्या के आरोप पर लगाई मुहर
सुनवाई के दौरान न्यायालय में कुल नौ गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दलीलें पेश की गई। इसके आधार पर दोषी पाते हुए न्यायालय ने पति, सास और ससुर को सात वर्ष के कठोर कैद और अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी की तरफ से की गई।