Sonbhadra News: बिजली के क्षेत्र में एक और बड़ी सौगात, ओबरा सी की दूसरी इकाई लाइटअप

Sonbhadra News: ओबरा में स्थापित हो रही राज्य सेक्टर की 1320 मेगावाट वाली ओबरा सी परियोजना की 660 मेगावाट वाली दूसरी इकाई को भी नियमित उत्पादन पर लाने की प्रक्रिया तेजी हो गई है।;

Update:2024-03-30 18:27 IST

सोनभद्र न्यूज। (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: ओबरा में स्थापित हो रही राज्य सेक्टर की 1320 मेगावाट वाली ओबरा सी परियोजना की 660 मेगावाट वाली दूसरी इकाई को भी नियमित उत्पादन पर लाने की प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है। इस दिशा में मजबूती से कदम बढ़़ाते हुए शनिवार को दोपहर 3:09 बजे इकाई को प्रारंभिक लाइटअप पर लाने के चरण को पूरा कर लिया गया। सफलतापूर्वक इकाई के प्रारंभिक लाइटअप के चरण को पूरा करने के बाद जहां अभियंता खुशी से उछल उठे। वहीं, अब इस इकाई को उत्पादन पर लाने के लिए टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

 660-660 मेगावाट की दो इकाइयां की जा रहीं स्थापित

ओबरा में राज्य के पूर्ण स्वामित्व वाले ओबरा सी परियोजना में 660-660 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली दो इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। 660 मेगावाट क्षमता वाली पहली इकाई को पिछले दिनों उत्पादन लिया जा चुका है और उससे राज्य को बिजली मिलनी शुरू भी हो गई है। अब दूसरी इकाई को उत्पादन पर लाने क प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि दो-तीन महीने में इस इकाई को भी उत्पादन पर लिया जा सकता है। इकाई के उत्पादन पर आने के बाद, वाणिज्यिक उत्पादन पर लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे जल्द ही राज्य को मिलने वाली सस्ती बिजली में 660 मेगावाट के इजाफे की उम्मीद जग गई है।

इन-इन अभियंताओं ने इकाई को लाइटअप पर लाने में निभाई अहम भूमिका

ओबरा परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक इं. राधेमोहन, ओबरा सी तापीय परियोजना के महाप्रबंधक (प्रशासन) इं. एसके सिंघल , महाप्रबंधक इं. तुलसीदास , इं. एके रॉय, अधीक्षण अभियंता इं. अच्यूतेश कुमार, इं. संजय कुमार पांडेय, इं. सुनील कुमार, अधिशासी अभियंता इं. अवधेश कुमार सिंह, इं. रिंकेश कुमार, इं. सुमंत गौतम, इं. विनोद यादव, मेसर्स दुसान पावर के प्रोजेक्ट मैनेजर यांग चू पार्क, महाप्रबंधक (मेकनिकल ) डीजी सिन इकाई को लाइट अप करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बिजली इकाई को लाइट अप के बाद ही, शुरू होती है उत्पादन पर लाने की प्रक्रिया

बताते चलें कि किसी भी इकाई को उत्पादन पर लाने के लिए पहले लाइट अप (कोल-आयल फायरिंग) की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसके बाद इकाई को विद्युत उत्पादन पर लिया जाता है। बता दें कि ओबरा में राज्य सेक्टर की बी परियोजना की पांच इकाइयों से जहां विद्युत उत्पादन पहले से जारी है। वहीं ओबरा सी की भी एक इकाई से लगातार विद्युत उत्पादन दिया जा रहा है। एनटीपीसी के साथ मिलकर भी ओबरा में ओबरा डी नाम से परियोजना स्थापित करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

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