Sonbhadra: सांसद के नाम पर आवास फार्म भरवाने मामले में प्रशासन का बयान- नए लाभार्थियों के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं

Sonbhadra News : सांसद पकौड़ीलाल कोल ने अवैध उगाही के आरोप को गलत बताया था। कहा था कि, उनके यहां तमाम लोग फरियाद-शिकायत लेकर पहुंचते हैं। उसमें आवास का लाभ दिलाने के लिए गुहार लगाने वाले भी शामिल होते हैं।

Update:2023-11-04 17:55 IST

Sonbhadra News (Social Media)

Sonbhadra News: राबर्ट्सगंज सांसद पकौड़ी लाल (Robertsganj MP Pakodi Lal) के नाम पर गांवों में आवास के लिए फार्म भरवाए जाने और इसको लेकर प्रधानों की तरफ से जताए गए ऐतराज के बाद प्रशासन ने बयान जारी किया है। आरोप है कि, प्रति फार्म 500 रुपए लिए गए थे। इसी पर ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक राम शिरोमणि मौर्य का बयान आया है। आवास को लेकर नए लाभार्थियों के लिए सरकार की तरफ से कोई दिशा-निर्देश जारी न होने तथा प्रशासन की ओर से कोई फार्म न भरवाए व आवास प्लस की वेबसाइट बंद होने की बात कही गई है।

क्या कहा ग्राम्य विकास के अफसर ने?

परियोजना निदेशक (पीडी) राम शिरोमणि मौर्य (Project Director Ram Shiromani Maurya) का कहना है कि भारत सरकार की तरफ से गांवों में निवास करने वाले आवासहीन परिवारों को पक्के आवास की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत वर्तमान समय में भारत सरकार द्वारा 'आवास प्लस' की तैयार की गई पात्र लाभार्थियों की सूची से ही आवास आवंटित किया जा रहा है। नए लाभार्थियों का सर्वे विगत वर्षों की भांति इस बार भी ऑनलाइन/मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाना संभावित है। इसमें प्रत्येक नामित सरकारी कर्मचारी, लाभार्थी परिवार के घर-घर जाकर लाभार्थी की आर्थिक स्थिति का सर्वे और उसकी सूचना फीड करता है।

सर्वे के बाद ही जारी होती है लाभार्थियों की सूची

पीडी का कहना है कि उक्त फीड सूचना के आधार पर ही भारत सरकार से चयनित लाभार्थियों की सूची जारी की जाती है। आवास योजना के तहत वर्तमान में नए लाभार्थियों के चिन्हांकन/सर्वेक्षण के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई दिशा-निर्देश निर्गत नहीं किया गया है। यदि कोई व्यक्ति आवास दिलाने का आश्वासन देता है तो उस पर कदापि विश्वास न करें।  वर्तमान में आवास प्लस की वेबसाइट बंद है। शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा आवास का कोई भी फार्म नहीं भरवाया जा रहा है।

प्रधानों ने पत्रक सौंपकर लगाया था बड़ा आरोप

प्रधान संघ के सदर ब्लाक अध्यक्ष सुरेश शुक्ला की अगुवाई में प्रधानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गांवों में सांसद के नाम पर आवास का फार्म भरवाने और प्रति फार्म 500 उगाही का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन को पत्रक सौंपा था और मामले में आवश्यक कार्रवाई की मांग की थी। पत्रक सौंपने के बाद, अब प्रशासन की तरफ से सामने आए बयान ने, ग्रामीणों को आवास आवंटन कराने का भरोसा देकर गांव-गांव भरवाए जा रहे कथित फार्म को लेकर खासी चर्चा छेड़ दी है।

सांसद ने अवैध उगाही के आरोप को बताया था गलत

वहीं, सांसद पकौड़ीलाल कोल ने अवैध उगाही के आरोप को गलत बताया था। कहा था कि, उनके यहां तमाम लोग फरियाद-शिकायत लेकर पहुंचते  हैं। उसमें आवास का लाभ दिलाने के लिए गुहार लगाने वाले भी शामिल होते हैं। जो पात्र हैं, उनको आवास दिलाने के लिए, ऐसे पात्रों की सूची तैयार करने और प्रशासन को ऐसे लोगों की सूची सौंपने के लिए दो कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी दी गई है। सांसद की दलील थी कि पीएम मोदी का सपना है कि हर गरीब के सिर पर पक्की छत हो। वह सिर्फ जरूरतमंदों के बारे में प्रशासन को अवगत कराने की कोशिश कर रहे हैं। पात्र-अपात्र का सर्वे कराना प्रशासन का काम है।

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