Sonbhadra: मनमाफिक दहेज न मिलने पर की थी पत्नी की हत्या, मिली 7 साल कैद, 14 साल पुराने रेखा हत्याकांड में आया फैसला
Sonbhadra: मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट की तरफ से घोरावल पुलिस को मामले की एफआईआर दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया गया। इसके बाद पुलिस ने पति विकास कुमार पांडेय के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की छानबीन की।
Sonbhadra News: शादी में मनमुताबिक दहेज न मिलने से खफा पत्नी को प्रताड़ित करने और शादी के महज 4 साल बाद जहर खिलाकर हत्या मामले में सोमवार (11 दिसंबर) को अदालत का बड़ा फैसला आया है। घोरावल थाना क्षेत्र से जुड़े इस प्रकरण में वकीलों की तरफ से पेश की गई दलीलों और पत्रावली में उपलक्ष्य साक्ष्यों के आधार पर जहां पति को हत्या का दोषी पाया गया है। वहीं, इसके लिए उसे 7 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और एक लाख अर्थदंड की सुनाई गई है। इसे अदा न करने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतने का भी आदेश पारित किया गया है।
ADJ की अदालत ने सुनाया फैसला
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने आज घोरावल थाना क्षेत्र से जुड़े रेखा हत्याकांड (Sonbhadra Rekha murder case) की सुनवाई की। इस दौरान अधिवक्ताओं की तरफ से रखे गए तर्क और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए दोषसिद्ध पाया। मामले में दोषी पाए गए पति विकास कुमार पांडेय को 7 वर्ष की कैद के साथ एक लाख रुपए अर्थदंड से दंडित किया। आदेशित किया गया कि अगर दोषी अर्थदंड अदा करने में विफल रहता है तो उसे एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भी भुगतनी होगी। साथ ही, यह भी आदेश दिया गया कि मामले के विचारण के दौरान जेल में बिताई गई अवधि कुल सजा में समाहित की जाएगी। वहीं, अर्थदंड प्राप्त होने के बाद पूरी धनराशि मृतका के पिता को स्थानांतरित कर दी जाएगी।
क्या है मामला?
अभियोजन के अनुसार, राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के अमोखर गांव निवासी अशोक कुमार चौबे पुत्र हरिहर चौबे न्यायालय में धारा- 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया था कि उन्होंने अपनी बेटी रेखा देवी की शादी 29 अप्रैल, 2005 को हिंदू रीति-रिवाज से घोरावल थाना क्षेत्र के नौडिहा गांव निवासी विकास कुमार पांडेय पुत्र नागेंद्र प्रसाद पांडेय के साथ की थी। बताया था कि शादी में उन्होंने अपनी सामर्थ्य के मुताबिक उपहार भी दिया। वर्ष भर बाद उनकी लड़की का गौना हुआ। वह विदा होकर अपने ससुराल चली गई। लगभग छह माह बाद मायके के लिए विदा होकर आई तो बताया कि कम दहेज मिलने को लेकर उसके ससुराल वाले नाराज हैं। उसके लिए उसे प्रताड़ित कर रहे हैं। उसके साथ मारपीट कर चोट पहुंचा चुके हैं। उनके द्वारा कहा जा रहा है कि उसे पिता ने उन्हें ठग लिया गया है। बेटी ने ससुराल वालों द्वारा दहेज में 50 हजार रुपए नकद और एक बाइक लेकर ही ससुराल के लिए लौटने की बात कहे जाने की भी जानकारी दी।
नहीं पूरी हुई मांग, तो जहर खिलाकर ले ली जान
अभियोजन के मुताबिक, बेटी द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने की जानकारी के बाद, पिता ने ससुराल वालों से काफी मान-मनौवल किया। मिन्नत की। लेकिन, बात नहीं बनी। समय गुजरने के साथ बेटी को एक बेटी और एक बेटा पैदा हुआ। लेकिन, प्रता़ड़ना का क्रम जारी रहा। आरोप लगाया गया कि जब दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो पति, सास और ससुर ने मिलकर, बेटी रेखा देवी की जहर खिलाकर हत्या कर दी। मायके वालों को बगैर कोई सूचना दिए ही, शव को जला दिया।
पुलिस ने नहीं की सुनवाई, अदालत का खटखटाया दरवाजा
बताया गया है कि मृतका के पिता ने घोरावल थाने में 6 अक्टूबर 2009 को ही तहरीर दी। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई। अलबत्ता उससे कुछ पुलिसकर्मियों ने सादे कागज पर हस्ताक्षर ले लिए। उसी रात करीब 11 बजे पति विकास कुमार पांडेय के अन्य लोगों के साथ, मृतका के पिता के घर पहुंचने और धमकी देने की भी बात प्रार्थना पत्र में उल्लिखित की गई।
कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दर्ज किया गया था केस
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट की तरफ से घोरावल पुलिस को मामले की एफआईआर दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया गया। इसके बाद पुलिस ने पति विकास कुमार पांडेय के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की छानबीन की। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। वहां इस पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की तरफ से पेश की गई दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के साथ ही गवाहों के बयानों का परीक्षण किया गया। इसके आधार पर दोष सिद्ध पाते हुए दोषी विकास कुमार पांडेय को सात वर्ष की कैद और एक लाख अर्थदंड का फैसला सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक की तरफ से की गई।